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________________ चित्रसेन प्राचीन चरित्रकोश चित्रांगदा चित्रसेन--(सू. दिष्ट.) भागवत मतानुसार निरष्यंत- | २. सोम की सत्ताईस स्त्रियों में से एक । पुत्र । इसका पुत्र दक्ष । ३. चित्रगुप्त की स्त्री। २. देवसावर्णि मनु का पुत्र । ४. वाराणशी के सुवीर नामक वैश्य की स्त्री। इसने ३. (सो. कुरु.) धृतराष्ट्र का पुत्र । भारतीय युद्ध में | एक संन्यासी की सेवा की एवं उसे आदरपूर्वक भोजन भीम ने इसका वध किया (म. क. ४.२२.)। कराया था (पद्म. मू.८६ दिव्यादेवी देखिये)। इस कारण ४. अभिसारपुरी का क्षत्रिय राजा। अर्जुन ने इसे | अगले जन्म में यह राजकन्या बन गयी । पराजित किया (म. स. २४.१८)। यह दुर्योधन के | ५. एक अप्सरा (म. अनु. ५०.४७ कुं.)। पक्ष में था। श्रुतकर्मन् ने भारतीय युद्ध में इसका वध | चित्राकुमारी--(सो. वसु.) वायुमतानुसार वसुदेव किया (म. क. १०.१४)। की पौरवी से उत्पन्न पुत्री। ५. पांडवों के पक्ष का राजा । भारतीययुद्ध में समुद्रसेन | चित्राक्ष-(सो. कुरु.) धृतराष्ट्रपुत्र । भारतीय युद्ध ने इसका वध किया (म. क. ४.२७)। में भीम ने इसका वध किया (म. द्रो. १११.१८)। ६. कर्णपुत्र । भारतीययुद्ध में नकुल के द्वारा यह | चित्रांग-(सो. कुरु.) धृतराष्ट्रपुत्र । मारा गया (म. श. ९.१९)। २. एक योद्धा । राम ने अश्वमेध यज्ञ किया, तथा ७. द्रुपद का पुत्र | भारतीय युद्ध में कर्ण ने इसे मारा | अश्व की रक्षा के लिये शत्रुघ्न को ससैन्य भेजा । चित्रांग (म. क. ३२-३७)। | ने उसकी सेना पर बाणवृष्टि की । पुष्कल तथा चित्रांग ८. जरासंध का सेनापति (म. स. २०.३०)। का घमासान युद्ध हुआ, जिसमें पुष्कल ने चित्रांग का वध ९. एक गंधर्व (म. स. ४.३१.)। विश्वावसु नामक किया (पन. पा. २७)। गंधर्व का पुत्र । इसकी गणना देवर्षियों में होती है। चित्रांगद-एक गंधर्व । इसने शंतनु के पुत्र चित्रांगद इसने देवलोक में अर्जुन को गंधर्व विद्या सिखायी ( म. व. | का माया के द्वारा वध किया (म. आ. ९५.१०)। ४५.६) । इन्द्र के कहने पर, इसने उर्वशी को अर्जन के २. सीमंतिनी नामक राजकन्या का पिता (शिव. पास भेजा था (म. व. परि. १. क्र. ६.)। इंद्र के | उमा. २)। कहने पर, घोषयात्रा हेतु निकले दुर्योधन का अपमान ३. (सो. कुरु.) शंतनु का सत्यवती से उत्पन्न पुत्र । करने के लिये, यह वहाँ गया (म. व. २२९.२८)। शंतनु की मृत्यु के बाद यह गद्दी पर बैठा । परंतु बाद में इसके साथ कर्ण का युद्ध हुआ। अंत में कर्ण पराजित चित्रांगद गंधर्व ने हिरण्वती नदी के किनारे तीन वर्ष युद्ध हो कर भाग गया। इसने दुर्योधन को अंध लिया, एवं उसे | कर के इसका वध किया (म. आ. ९५)। इसे संतति न यह इंद्रलोक ले गया (म. व. २३१)। अंत में अर्जुन | होने के कारण, इसके बाद विचित्रवीर्य राजगद्दी पर बैठा । ने इसे पराजित किया (म. व. २३१-२३३)। ४. कलिंगदेशीय राजपूर नगरी का राजा (म. आ. १०. एक राजा । इसने अनेक पाप किये थे। एक १७७.१९)। दुर्योधन ने इसकी कन्या का हरण किया था बार, एक बाघ का पीछा करते हुए, यह एक अरण्य में | (म. शां ४.२)। . गया । तब कई अंत्यज स्त्रियों को इसने जन्माष्टमी का व्रत ५. द्रौपदी स्वयंवर में उपस्थित एक राजा । यह दशार्ण करते हुए देखा। राजा को भूख लगी थी। इसलिये उन देश का राजा था। अर्जुन ने इसे पराजित किया स्त्रियों ने, नैवेद्य के लिये जो अन्न लाया था, उसमें से | (म. आश्व, ८६.६)। थोड़ा अन्न माँगा। उन्होंने इसे यह व्रत बताया चित्रांगदा--चित्रवाहन राजा की कन्या । अर्जुन की तथा अन्न नहीं दिया। इससे इसकी पापबुद्धि नष्ट हो भार्या । इसका पुत्र बभ्रुवाहन (चित्रवाहन देखिये)। गई। इसने यह व्रत करने के बाद इसका उद्धार हुआ | इसने पांडवों के राजसूय यज्ञ के लिये करभार दिया था ( पद्म. ब्र. १३)। (म.स. परि. १. क्र. १५)। यह बभ्रुवाहनसहित याग के चित्रसेना--एक अप्सरा । कश्यप की प्राधा से उत्पन्न लिये हस्तिनापुर गयी थी (म. आश्व. ८९.२५)। पांडवों कन्या । के महाप्रस्थान के समय, यह अपने पिता के घर वापस चित्रा-(सो. वसु.) वायुमतानुसार वसुदेव की | आ गयी। मदिरा से उत्पन्न पुत्री। २. कापोत देखिये। २१३
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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