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शाखाप्रवर्तक आचार्य
प्राचीन चरित्रकोश
सप्तद्वीपा पृथ्वी
भाल्लवि ५५२; शार्दूल ९६५: ( हिरण्यकेशिन् ) खांडवीय - - रावण - विभीषण संवाद ७४७; रावण सीता संवाद ११११ ।
"शिक्षाग्रंथ - अमरेश २७; आत्रेय; ५७; कात्यायन ३३; जयंत पाराशर्य २२७; नारद ३६६; पाणिनि ४१०; पाराशर ४१४; बाभ्रव्य पांचाल ५०६; मण्डूक (१०) ५९८; मल्ल गार्ग्य ६२७; माध्यंदिन (२.) ६४२; याज्ञवल्क्य वाजसनेय ६९२; रामकृष्ण (१.) ७४२; शौनक १.९८७ । शिवावतार- चार ७६३; पाँच ७६३; दस ८६३; अट्ठाईस ७६३-७६४; बारह ज्योतिर्लिंग २३७ ।
श्राद्धविधि -- का प्रवर्तक ( निमि; श्रीमत् ) ९९० । षोडश राजकीय - - अंबरीष नाभाग २८; गय आमूर्तरयस १८२; दिलीप ऐलविल २७१; परशुराम जामदग्न्य ३८८; पृथु वैन्य ४४९; पौरव ४५८; भगीरथ ऐश्वाक ५३४; भरत दौःषन्ति ५४५ मरुत्त आविक्षित ६२५; मांधातृ यौवनाश्व ६४३; ययाति नाहुष ३७७; रंतिदेव सांकृत्य ८१८; राम दाशरथि ७२५; शशबिंदु यादव ९५२; शिबि औशीनर ९६०; सुहोत्र वैतिथिन १०८१ ।
संवाद -- इंद्र के संवाद (अंबरीष; अग्नि; गौतम; दिति; प्रतर्दन; प्रह्लाद; बृहस्पति; मातलि मांधाता; विद्युत्प्रथ शंबर शुक; सुरार्थ) १७२-७३ ६२४; ८४९, १०७२; कर्ण - शल्य संवाद ९५२;
-- केशी - गौतम संवाद १११८; कौशिक - इक्ष्वाकु संवाद ६७;. जनमेजय-अग्नि संवाद २२; दुर्योधन के संवाद (कृष्ण; भीष्म) २८४; धौम्य - युधिष्ठिर संवाद ३३४; -- बकदाल्भ्य के संवाद ( अर्जुन; इंद्र ) ४८७-४८८; बलि के संवाद ( इंद्र; प्रह्लाद; शुक्र ) ५००; बाध्वबाष्कलि संवाद ( बाध्व २. ) ५०६, बृहस्पति के संवाद ( इंद्र; उपरिचर वसु; मांधातृ युधिष्ठिर; वसुमनस् ); ५२०–५२१; ६४४; भरत - रहूगण संवाद ५४४; भीमकृष्ण संवाद ५६६; भीष्म-कर्ण संवाद ५७६; मांडव्य के संवाद (यम; विदेहराज जनक ) ३३६; -- मार्कडेय - युधिष्ठिर संवाद ( मार्कडेयसमस्या पर्व ) ६४; मुचुकुंद के संवाद (परशुराम वैश्रवण ) ६५५; ६५४; मैत्रेयी-याज्ञवल्क्य संवाद ६६६, यम के संवाद (नचि - केत; यमी ) ६७६; ६७७;
- याज्ञवल्क्य के संवाद (अश्वल; उदंक शौल्बायन; उद्दालक आरुणि; उपस्त चाक्रायण; कहोल कौषीतकेय; गर्दभीविपीत भारद्वाज; गार्गी वाचक्नवी; जारत्कारव आर्तभाग; बर्क वार्ष्ण; भुज्यु लाह्याय नि; विदग्ध शाकल्यः सत्यकाम जाबाल ) ६८८-६८९;
प्रा. च...१५१ ]
७४६;
-- लक्ष्मी के संवाद ( इंद्र; प्रह्लाद; रुक्मिणी ) ७८२ ; -- वसिष्ठ - कराल जनक संवाद ११७; वसुमनस् कौसल्य के संवाद (बृहस्पति; वामदेव ) ८१७; विदुला - पुत्रसंवाद ८४७; विदुर के संवाद (धृतराष्ट्र मैत्रेय ) ८४५; ६६५; विरुप के संवाद ( इक्ष्वाकु विकृत ) ८६०; विश्वावसुयाज्ञवल्क्य संवाद ८७७; वीरद्युम्न - तनुविप्र संवाद ८९२; वृत्र-उशनस् संवाद ८९८; व्यास के संवाद ( मैत्रेय; शुक) ६६५;
शिशुपाल - कृष्ण संवाद ९७३; सत्यकाम - उपकोसल संवाद १००७; सनत्कुमार - नारद संवाद १०१६; सुलभाजनक संवाद ।
सती -- माद्री ६४०; रुक्मिणी ७५२; वृंदा ८९९ वसुदेव ( पत्नियाँ ) ८१५ वेदवती ९०६ ।
सत्यनिष्ठा -- कौशिक ३.१७०; नाभाग ३६०; प्रह्लाद ४७९; सत्यकाम जाबाल १००८ ।
सत्र - - ( अच्युत; अंगिरस; कुण्डपायिन्; गौश्रायणि दार्तेय; नवक, नाभाग; सरमा देवशुनी ) १३,५६;१४५; १९७; २७०; ३५५; ३६०;१०२५;
-- (१) दीर्घसत्र (जनमेजय पारिक्षित; श्रुतश्रवस् ) २२१; ९९२९
- - ( २ ) प्रथम द्वादशवर्षीय सत्र ( अंतिनार, पुरूरवस्; रोमहर्षण; बक दाल्भ्य; सौति ) २३; ४३५; ७७३; ४८७;
१०८८;
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-- ( ३ ) ब्रह्मसत्र ( नारद ) ३६५% - - ( ४ ) राक्षससत्र (पराशर) ३९६,
(५) शतसंवत्सरात्मक ( श्वेतकि ) ९९५;
( ६ ) सर्पसत्र ( प्रथम ) ( ऐरावत; चक्क ) १०२; २००; नाग ३५८;
-- (७) सर्पसत्र (द्वितीय) ( जनमेजय कौतस्त; चंद्रभार्गव च्यावन; मुंडवेदांग; मुद्गर; शांखायन; शिख; श्रुतश्रवस् ) २२०; २०१; ६५६; ६५७; ९५८; ९६७ ९९२ सर्पसत्र के ऋत्विज २२०-२२२; - (८) सहस्रवार्षिक सत्र (गृत्समद ; निमि ) १९२, ३६९ ।
सप्त चिरंजीव - अश्वत्थामन् ४५; कृपाचार्य १५८; ३९० परशुराम जामदग्न्य ५; बलि वैरोचन ५७०; व्यास पाराशर्य ९९८; विभीषण ८५४; हनुमत् ११०२ ।
सप्तद्वीपा पृथ्वी -- पृथ्वी के सात द्वीप जम्बुद्वीप, पुक्षद्वीप, शाल्मलिद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप,
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