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भार्गव वंश
प्राचीन चरित्रकोश
ऋषियों की तालिका
क्षत्रिय ब्राह्मण--भार्गववंश में अनेक ब्राह्मण ऐसे भी का निर्देश ब्रह्मांड में प्राप्त है (ब्रह्मांड. २.३२.१०४थे कि, जो स्वयं भार्गव न हो कर भी इस वंश में १०६)। शामिल हो गये थे। ये ब्राह्मण 'क्षत्रिय ब्राह्मण' कहलाते थे, वसिष्ठ वंश-अयोध्या के राजपुरोहित के नाते एवं उनमें निम्नलिखित लोग शामिल थे:- १. मत्स्य | काम करनेवाले वसिष्ठ वंश की सविस्तृत जानकारी २. मौदगलायन; ३. सांकृत्य; ४. गाायन; ५. गार्गीय; | पौराणिक साहित्य में प्राप्त है (वायु. ७०.७९-९०; ६. कपि७. मैत्रेय; ८. वध्यश्व; ९. दिवोदास (मत्स्य. ब्रह्मांड. ३.८.८६-१००, लिंग. १.६३.७८-९२)। इस १४९.९८-४००)।
वंश के ऋषियों एवं गोत्रकारों की नामावलि मत्त्य में दी
गयी है (मत्स्य. २००-२०१)। इस वंश में उत्पन्न भार्गव समूह --मत्स्य में निम्नलिखित भार्गववंशीय | निम्नलिखित ऋषि विशेष महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं:'समूहों (पक्ष) का निर्देश प्राप्त है:-१. वत्स; २. विद; | १. देवराज; २. आपव; ३. अथर्वनिधि; ४. वारुणि; ३. आर्टिषेण, ४. यास्क; ५. वैन्य; ६. शौनकः ७. | ५. श्रेष्ठभाज; ६. सुवर्चस् ; ७. शक्ति; ८.मैत्रावरुणि । वसिष्ठ मित्रयु (मत्स्य. १९५)। एकवीस भार्गव सूक्तद्रष्टाओं वंश की अन्य एक शाखा जातूकर्ण लोग माने जाते हैं।
पौराणिक ऋषिवंशों की तालिका पौराणिक साहित्य में निर्दिष्ट विभिन्न ऋषिवंशों की एवं संभाव्य स्थान कहाँ था, इसकी सूचना प्राप्त करने के लिए .. ऋषियों की तालिका नीचे दी गयी है। इस तालिका में इक्ष्वाकुवंशीय राजाओं की संपूर्ण तालिका इस तालिका के
भार्गव, आंगिरस, वासिष्ठ, एवं अन्य ऋषिवंशों में उत्पन्न | साथ ही दी गयी है। इस तालिका में निर्दिष्ट इक्ष्वाकुवंशीय
ऋषियों की नामावलि उनके समकालीनत्व के अनुसार दी राजाओं की नामावलि पौराणिक राजवंशों की तालिका में • गयी है। तत्कालीन राजकीय इतिहास में इन ऋषियों का | से पुनरुद्धृत की गयी है।
समकालीन राजा (इक्ष्वाकु वंश)
भार्गव
वासिष्ठ
आंगिरस
अन्य ऋषि
च्यवन
वसिष्ठ वसिष्ठ वसिष्ठ
मनु इक्ष्वाकु विकुक्षि शशाद अनेनस् संहताश्व न्यैय्यारुण
उशनस् शुक्र
बृहस्पति
प्रभाकर आत्रेय
३०.
३१.
ऊर्व ऋचीक और्व जमदग्नि, अजीगर्त
वरुण आपवारुणि देवराज
३२. सत्यव्रत त्रिशंकु ३३. हरिश्चंद्र
दत्त एवं दुर्वासस् आत्रेय विश्वामित्र मधुच्छंदस, ऋषभ रेणु, अष्टक, कति (कत), गालव विश्वामित्र, शुनःशेप देवराज, विश्वामित्र
| हरित, चंप
| बाहु (असित)
परशुराम, शुनःशेप
अथर्वन्
उशिज ग्नि और्व, वीतहव्य अथर्वनिधि उचथ्य बृहस्पति,
(प्रथम), आपव संवर्त
कश्यप
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