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________________ सुनर्तकनट प्राचीन चरित्रकोश सुनीथा द्वारा पार्वती को दृष्टांत मिला कि, वह उसका वरण करने- सुनीति--उत्तानपाद राजा की पत्नी, जो ध्रव एवं • वाला है। कीर्तिमत् की माता थी। इसे सूनृता नामान्तर भी पश्चात् बाये हाथ में सिंगी, दाहिने हाथ में डमरू | प्राप्त था। एवं पीट पर रक्तवर्णीय वस्त्र धारण करनेवाले । सुनीथ-(सो. काश्य.) एक राजा, जो भागवत के एक विचित्र व्यक्ति के रूप में यह पार्वती के आँगन में अनुसार संतति का, एवं विष्णु एवं वायु के अनुसार प्रकट हुआ, एवं बाकी कुछ न कहते हुए इसने पार्वती सन्नति राजा का पुत्र था। इसके पुत्र का नाम सुकेतन से भिक्षा माँगी। शिव के इस रूप में भी पार्वती ने उसे था (भा. ९.१७.८)। पहचान लिया, एवं अपने साथ विवाह करने की प्रार्थना । २. (सो. द्विमीढ.) एक राजा जो मत्स्य के अनुसार की (शिव. शत. ३४)। क्षेम राजा का पुत्र था (मत्स्य. ४९.७९)। भागवत सुनहोत्र--क्षत्रवंशीय सुहोत्र राजा. का नामान्तर विष्णु, एवं वायु में इसे सुवीर कहा गया है। (सुहोत्र २. देखिये)। ३. शिशुपाल राजा का नामान्तर (म. स. ३५, परि. सुनाम--(सो. विदूरथ) एक राजा, जो मत्स्य के । १.२१.२, ३६.१३)। अनुसार अजात राजा का पुत्र था (मत्स्य. ४४.८४)। ४. (सो. कुरु. भविष्य.) एक राजा, जो सुषेण राजा २. कट देश का एक राजा, जिसे अर्जुन ने अपने | का पुत्र, एवं नृचक्षु राजा का पिता था (भा. ९.२२. उत्तर दिग्विजय के समय जीता था (म. स. २३.२७०% ४१)। वायु में इसे सुतीर्थ कहा गया है। पंक्ति. ५-७)। ५. (सो. मगध, भविष्य.) एक राजा, जो सुबल राजा . ३. धृतराष्ट्र के सौ पुत्रों में से एक, जो भारतीय युद्ध का पुत्र एवं सत्यजित् राजा का पिता था (भा. ९.१२, में भीमसेन के द्वारा मारा गया (म. भी. ८४.१२)। ४९) विष्णु में इसे सुनीथ, तथा वायु एवं ब्रह्मांड में ४. वरुण का एक मंत्री, जो अपने पुत्र एवं पौत्रों के | इसे 'सुनेत्र' कहा गया है। साथ गौ एवं पुष्करतीर्थ में वरुण की उपासना करता था। ६. इंद्रसभा में उपस्थित एक ऋषि (म. स. ७.१४)। ५. एक दानव, जो वज्रनाभ दानव का भाई था। ७. यमसभा में उपस्थित एक राजा (म. स.८.११. इसकी चन्द्रवती एवं गुणवती नामक दो कन्याएँ थीं।। १५)। गद एवं सांब नामक असुरों ने इसके उन कन्याओं का ८. एक वृष्णिवंशीय राजकुमार, जिसे कृष्णपुत्र प्रद्युम्न हरण किया (ह. वं. २.९७.१९-२०)। के द्वारा धनुर्वेद की शिक्षा प्राप्त हुई थी (म. व. १८०, सुनामन्-मथुरा के उग्रसेन राजा का पुत्र, जो कंस | २७)। • का भाई था । यह कंस का सेनापति, एवं उसके घुड़सवारों | सुनीथ कापटव-एक आचार्य (वं. ब्रा. १; . की सेना का सरदार था । बलराम ने इसका वध किया | कापटव सुनीथ देखिये)। (भा. ९.२४.२४; म. स. १३.३३; परि. १.२१.८४७)। सुनीथ सौचद्रथ-एक ऋषि, जिसके द्वारा रचित पाठभेद (भांडारकर संहिता)-'सुदामन्। सूक्त में वाय्य सत्यश्रवस् नामक ऋषि को उषस् देवता से २. गरुड के पुत्रों में से एक (म. उ. ९९.२)। प्रकाश प्राप्त होने का निर्देश किया गया है (ऋ. ५.७९. ३. सुकेतु राजा का एक पुत्र, जो द्रौपदीस्वयंवर में | २)। लुडविग के अनुसार, यह वाय्य सत्यश्रवस् का पिता अपने पिता के साथ उपस्थित था (म. आ. १७७.९)। था। पाठभेद (भांडारकर संहिता)-सुदामन् । सुनीथा-अंगराजा की पत्नी, जो यम की कन्या, एवं ४. एक आचार्य, जो ब्रह्मांड के अनुसार, व्यास की | वेन राजा की माता थी (भा. १४.१३.१८)। अपने पुत्र सामशिष्यपरंपस में से लोकाक्षि नामक आचार्य का | वेन की मृत्यु के पश्चात् , अंगराजवंश का निवेश न हो, शिष्य था। इस हेतु से इसने उसके शरीर का मंथन किया, जिससे ५. स्कंद का एक सैनिक । पृथु वैन्य एवं निषाद नामक दो पुत्र उत्पन्न हुए (वेन सुनीक--(प्रद्योत. भविष्य.) प्रद्योतवंशीय शुनक | देखिये)। राजा का नामान्तर। ___ इसे वेन नामक दुष्ट पुत्र क्यों उत्पन्न हुआ, इस संबंध सुनीत-मगध देश के सुनीथ राजा का नामान्तर । । में एक चमत्कृतिपूर्ण कथा पद्म में प्राप्त है । अपने बाल्यकाल १०६१
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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