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अभिधानचिन्तामणिनाममाला • ६८ । शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ कम्बल पुं १३११ एक प्रकारनो नाग | करट पुं १२२५ हाथीनुं गंडस्थळ कम्बल न. १०७० (शेष १६५) पाणी करट पुं १३२२ कागडो कम्बलिवाहक न. पुं ७५३ बळदगाडी करट न. ६४५ (शे.. १३२) केशर कम्बि स्त्री १०२१ कडछी
(करट) न. २८७ मृदंग, ढोल, तबला वगेरे 'कम्बी' स्त्री १०२१ कडछी
करटा स्त्री. १२६९ कष्टथी दोही शकाय कम्बु पुं न. १२०४ शंख
तेवी गाय कम्बुग्रीवा स्त्री ५८६ त्रण रेखानाळी डोक, करटिन् पुं १२१७ हाथीं
शंखाकार डोक करटु पुं १३३७ अशुभ बोलनार एक पक्षी 'कम्भारी' स्त्री ११४३ सीवण नामनी वनस्पति | करण न. ८२ योगर्नु त्रीजुं अंग, आसन, कम्र पुं ४३४ कामी
.. पद्मासन वगेरे कम्र न. १४४५ सुंदर, मनोहर | करण न. ५६३ शरीर कर (परि) पुं ५ आ शब्द लगाडातां | करण पुं ८९७ वैश्य पुरुष अने शूद्र स्त्रीथी जनकवाचक शब्द बने छे.
, उत्पन्न थयेल मनुष्य कर पुं १०० किरण .
करण न. १३८३ चक्षु वगेरे इन्द्रिय कर पुं ५९१ हाथनो पंजो
करण पुं ४८४ (शे. १०७) लेखक, लहियो कर पुं ७४५ महेसुल.
करण न. ५१८ (शेष १११) लग्न समये कर पुं १२२४ हाथीनी सूंढ
हाथमां लेप करवो ते करक पुं न. स्त्री १६६ पाणीना करा | करणत्राण न. ५६७ मस्तक करक पुं न. १०२१ झारी, नानुं पाणीनुं पात्र | करतोया स्त्री १०८५ पार्वतीना विवाहमां 'करकट' पुं १३५२ करचलो
कन्यादानना जळथी उत्पन्न थयेली नदी करकपात्रिका स्त्री १०२५ चामडानी झारी, | करपत्रक न. ९१८ करवत
चामडा- पात्र | करपाल पुं ७८२ (शे. १४६) तलवार करङ्क पुं ६२८ हाडपिंजर | करभ पुं ५९२ हाथना कांडाथी टचली करक पुं १०२२ नाळियेरनी काचली
आंगळी सुधीनो भाग करज पुं ५९४ नख
करभ पुं १२५५ त्रण वरसनो ऊंट 'करज' पुं ११४० करंज वृक्ष करभूषण न. ६६२ पोंची, कडु के बंगडी करञ्ज पुं ११४० करज वृक्ष, करमदानुं झाड | करमाल पुं ११०४ धूमाडो