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________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला • ३६ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द /लिंग / श्लोक / अर्थ आपीड पुं६५४ माथा उपर मुकुटना आकारे | आभोग पुं १४३२ विस्तार नाखेली माळा (आभोगिक) पुं २९३ ऊंचा मुखवाळु मृदंग आपीन पुं. न. १२७२ आंचळ आम् अ. १५४० स्वीकार जणावनार, हा . आपूपिक न. १४१८ रोटली के आम पुं ४६३ रोग .. पूडलानो समूह (आमन) नः ४६३ रोग आपृच्छा स्त्री २७४ एकबीजाने संबोधीने. आमगन्धि त्रि. १३९२ काचा मांस वगेरेनी गंध वातचीत करवी ते आमनस्य न. १३७१ दुःख, पीडा आप्त पुं २५ अरिहंत, तीर्थंकर. | आमन्त्रण न. २६१ संबोधन आप्त पुं ७३४ विश्वासपात्र, अविसंवादी | आमय पुं. ४६३ रोग आप्तोक्ति स्त्री २४२ आगम, सिद्धान्त । आमयाविन् पुं. ४५९ रोगी . आप्रच्छन न. ७३१ मित्र वगेरेने आलिंगन | आमलकी त्रि. ११४५ आमळा आदिथी आनंद उपजाववो ते (आमावास्य) पुं ८२३ कृष्ण पक्षने अंते आप्रपदीन न. ६७८ पगनी पानी सुधी सर्व | , थतो यज्ञ ___ अंग ढंकाय तेंवू पहेरवानुं वस्त्र | आमिक्षा स्त्री ८३१ यज्ञमां पाकेतुं अने आप्लव पुं ६३८ स्नान __गरम दूधमां नाखेलुं दहीं आप्लाव पुं ६३८ (शि. ५०) स्नान आमिष न. ५७ मांस अने लोही दूध जेवा आबन्ध पुं ८९३ जोतर, जोतरुं | सफेद होवा रूप प्रभुनो मूळातिशय पैकी आभरण न. ६५० अलंकार, घरेणां | | चीजो अतिशय आभा स्त्री १५१२ शोभा, कांति ..... | आमिष पुं. न. ६२२ मांस आभास्वर (ब.व.) पु ८९ (शे.७) गणदेवता | आमिष पुं.न. ७३७ लांच, भेट आभिजात्य न. ६८ प्रभुवाणीनो १९मो | आमुक्त पु. ७६५ कंचुक धारण करेल सैनिक अतिशय (वक्ता अने प्रतिपाद्य भावने उचित) | आमुष्यायण पुं५०२ प्रख्यात पितानो पुत्र आभीर पुं ८८९ गोवाळ,भरवाड .. आमोद पुं. ३१६ मननी प्रसन्नता आभीरपल्लिका स्त्री १००२ गोवाळोनु रहेठाण | आमोद पुं १३९० घणे दूर सुधी जाय आभीरी स्त्री ५२२ भरवाडनी स्त्री . तेवी सुगंध आभील न. १३७१ दुःख, पीडा ... आमोदिन् पुं १३९१ सुवास, मुखवास आभील न. ३०३ (शे. ८९) भयानक । वगेरेनी गंध
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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