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हैमधातुपाठः सार्थः .. ४००
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क्रम सार्थ धातु
• गुजराती अर्थ . . १०१३. श्रां पाके
५.वं . १०१४. स्मं आध्याने
સ્મરણ કરવું યાદ કરવું १०१५. दृ भये १०१६. न नये
લઈ જવું १०१७. ष्टक १०१८. स्तक प्रतीघाते 25रा-पी॥ ४२वी-20२ देवी-मनो को १०१९. चक तृप्तौ च
पी॥ ४२वी तथा तृH AK-4ASxj . १०२०. अक कुटिलायां गतौ ।
વાંકું ચાલવું १०२१. कखे हसने
पीपी उस १०२२. अग अकवत्
पाई यल (हुमो १०२०) १०२३. रगे शङ्कायाम्
શંકા કરવી १०२४. लगे सड़े
લાગવું સંગ કરવો સાથે જવું १०२५. हुगे १०२६. हगे १०२७. षगे
___ १०२८. सगे १०२९.ष्टगे . १०३०. स्थगे संवरणे - is-स्थगित २j १०३१. वट १०३२. भट परिभाषणे परिभाषा-वातयात ४२वी १०३३. णट नती
નમવું १०३४. गड सेचने . छieg-गणj . १०३५. हेड वेष्टने
વીંટવું-ગુંથવું, બેડીથી બાંધવું १०३६. लड जिन्मिन्थने જીભ હલાવવ-જીભ ફેરવવી જીભ લબડાવવી १०३७. फण १०३८. कण १०३९. रण गतौ गति ४२वी . १०४०. चण हिंसा-दानयोश्च हिंसा ४२वी, हान ४२ तथा गति ५२वी १०४१. शण १०४२. श्रण दानेन १०४३. स्नथ १०४४. क्नथ १०४५. क्रथ
१०४६. क्लथ हिंसाः सारखी १०४७. छद ऊर्जने
બળવાન થવું, ઊર્જાશીલ થવું, જીવવું १०४८. मदै हर्ष-ग्लपनयोः રાજી થવું-ખુશી થવુંમત થવું અને ગ્લાનિ થવી १०४९. ष्टन १०५०. स्तन
१०५१, ध्वन शब्दे અવાજ કરવો