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शब्दमाला . ३५९ .
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ स्थानाध्यक्ष पुं ७२४ .थाणदार स्थूल न. ६८१ तंबु, वस्त्र, घर स्थानिक पुं ७२४ थाणदार
स्थूणा स्त्री १०१४ थांभलो स्थानीय न. ९७२ नगर
स्थूणा स्त्री १४६४ लोढानी प्रतिमा (स्थानीय) न. ९७२ राजधानीनुं नगर | स्थूरिन् पुं १२६३ (शि. ११२) पीठ उपर (स्थापक) पुं. ३३० सूचन करनार
भार उपाडनार बळद स्थापत्य पुं ७२७ अंतःपुरनो रक्षक | स्थूल पुं ४४८ स्थूल, जाडु स्थामन् न. ७९६ पराक्रम, बळ (स्थूल) पुं १७ (प.) जाडु स्थायिन् पुं २९५ रसनो स्थायी भाव स्थूलनास पुं १२८८ भंड स्थायुक पुं ७२६ गामनो अधिकारी स्थूलभद्र पुं ३४ छठ्ठा श्रुतकेवली स्थाल स्त्री न. १०२६ मोटुं वासण स्थूललक्ष पुं ३८५ घणुं आपनार स्थाली स्त्री १०१९ थाळी, तपेली स्थूलशाट पुं ६७२. जाडु वस्त्र स्थावर न. १४५४ स्थावर पृथ्वी वगेरे स्थूलशीषिका स्त्री १२०७ मोटा माथावाळी स्थाविर न. ३४० घडपण, वृद्धत्व
. . नानी कीडी स्थासक पुं६४९ हाथनो थापो स्थेय पुं ८८२ साक्षी स्थासक पुं १०७७ पाणीनो परपोटो . | स्थेय पं ७२० (शे. १४१) न्यायाधीश स्थास्नु न. १४५३ अचल, स्थिर स्थेयस् न. १४५३ अचल, स्थिर स्थित पुं ४९२ उभेलो
स्थेष्ठ न. १४५३. अतिस्थिर स्थिति स्त्री ७४४ मर्यादा
स्थौरिन् पुं२२६३ पीठ उपर स्थिति स्त्री १३७७ अवस्था, दशा .
भार उपाडनार बळद स्थिति स्त्री १४९८ स्थान, स्थिति स्नसा स्त्री ६३१ नस स्थिति स्त्री १४९९ रचना
स्नातक पुं ८०८ गृहस्थाश्रम स्थिर पुं २१९ (शे. ७४) विष्णु स्तान न. ६३८ स्नान स्थिरजिह्व पुं १३४४ माछलुं . स्नायु स्त्री ६१९ नस (स्थिरप्रेमन) पु ४७६ गाढ स्नेही (स्नायु) स्त्री ६३१ स्नायु, नस स्थिरमद पुं १३२० (शे. १८८) मोर स्तावन् पुं ६३१ (शे. १३०) नस स्थिरसौहृद पुं ४७६ गाढ, स्नेही स्निग्ध पुं ४१३ चीकj स्थिरा स्त्री ९३७ पृथ्वी
I (स्निग्ध) पुं ४७८ स्नेहवाळो