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शब्दमाला . ३५१ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ सुमनस् पुं ८८ देव -
सुरवेला स्त्री १०८६ (शे. १६८) ते नामनी सुमनस् न. (ब.व.) ११२५ पुष्प
नदी 'सुमनस्' पुं ११४७ चमेली
सुरस न. ६२३ हृदय (हृदयनी अंदरनो (सुमनस) पुं ९४ छठ्ठा ग्रैवेयक देव
कमळ आकारनो मांसपिंड) 'सुमना' स्त्री ११४७ चमेली
(सुरस्त्री) स्त्री १८३ अप्सरा सुमित्र पुं ३८ श्री मुनिसुव्रत स्वामी । (सुरस्त्रीश) पुं १७३ इन्द्र भगवानना पिता
सुरा स्त्री ९०३ मदिरा, दारु सुमित्रभू पुं ६९२ सगर चक्रवर्ती सुराचार्य पुं ११८ बृहस्पति, गुरु सुमेरु पुं १०३२ सुमेरु पर्वत .. सुराजीविन् पुं ९०१. कलाल, सुयशस् स्त्री ४० श्री अनंतनाथ
- मदिरा वेचनार भगवाननी माता सुरारि (ब.व.) पुं. २३८ असुर सुयामुन पुं २१९ (शे. ७६) विष्णु . सुरालय पुं ८७ स्वर्ग सुर (ब.व.) पुं ८८ देव
सुरालय पुं ११०७ (शे. १७१) पवन, वायु 'सुरङ्गा' स्त्री ९८५ सुरंग
सुरावारि पुं १०७५ दारुनो समुद्र सुरज्येष्ठ पुं २१३ ब्रह्मा
सुरावृत्त पुं ९८ (शे. १०) सूर्य (सुरण) पुं ११८९ सूरण कन्द सुरुङ्गा स्त्री ९८५ सुरंग सुरत न. ५३६ कामक्रीडा
(पृथ्वीनी अंदरनो गूढमार्ग) सुरपति पुं १८ (प.) इन्द्र
सुरूहक फु १२४० गधेडा जेवो घोडो सुरपथ पुं १६३ आकाश
(सुरेश) पुं १७३ इन्द्र सुरपर्णिका स्त्री ११३४ पुत्रागनुं झाड सुरोत्तम पुं २१९ (शे. ७३) विष्णु सुरभि पुं १५६ वसंत ऋतु
(सुरोद) पुं १०७५ दारुनो समुद्र सुरभि स्त्री १२६५ गाय
(सुरोदक) पुं १०७५ दारुनो समुद्र सुरभि स्त्री १३९० सुगंध . . सुलोहक न. १०४८ पित्तळ 'सुरभि' स्त्री ११५२ शरु
सुवचन न. २७६ सारुं वचन 'सुरभी' स्त्री ११५२ शरु
सुवचिका स्त्री ९४५ साजी (सुरयान) न. ८९ देवविमान
सुवर्ण स्त्री ८८४ एक सोनानो कर्ष सुरर्षभ पुं १७३ इन्द्र
(८० रतिभार वजन)