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शब्दमाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ सम्मार्जक पुं ३६३ (शि. २४) खळं साफ करनार, झाडु काढनार
सम्मार्जनी स्त्री १०१६ सावरणी सम्मुखीन पुं १४३७ सामे आवनार
सामे जनार
सम्मूर्च्छज पुं (ब. व.) १२०१ स्वयं उत्पन्न थनार तृण वगेरे सम्मूर्च्छन न. १५१७ सर्व तरफ व्यापवुं ते सम्मूर्च्छनोद्भव पुं १३५६ स्वयं उत्पन्न
थनार
सम्मृष्ट न. ४१४ साफ करेलुं
सम्यच् पुं २६४ सत्य
सम्राज् पुं ६९० चक्रवर्ती राजा, राजसूययज्ञ (सरोज़) न. १८ (प.) कमळ
करनार राजा
सरपुं १३८८ खारो रस, खारुं सर न. ४०४ ( शे. १००) दूध सरक पुं न. ९०६ मदिरा पीवानुं पात्र सरघा स्त्री १२१३ मधमाखी सरट पुं १२९९ काकडो सरण न. १०३८ लोढानों मेंल सरणि स्त्री ९८३ मार्ग, रस्तो 'सरणी' स्त्री ९८३ मार्ग सरमा स्त्री १२८१ देवकूतरी सरल पुं ३७६ उदार, सरळ चित्तवाळो सरलद्रव पुं ६४८ गुगळनो धूप
सरस् न. १०९४ तळाव सरसी स्त्री १०९४ तळाव
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ (सरसीरुह) न. ११६३ कमळ सरस्वत् पुं १०७३ समुद्र, दरियो सरस्वत् १०९१ मोटी नदी सरस्वती स्त्री २४१ वाणी, सरस्वती देवी सरस्वती स्त्री १०८० नदी सरि स्त्री १०९६ झरणुं सरित् स्त्री १०८० नदी सरिद्वरा स्त्री १०८२ गंगा नदी सरीसृप पुं १३०३ सर्प
सरीसृप पुं २१९ ( शे. ७४) विष्णु
सरूप न. १४६ तुल्य, समान, सरखुं सरोज न. १९६२ कमळ
सरोजन्मन् न. ११६२ कमळ 'सरोजिनी' स्त्री ११६० कमलनो वेलो सरोरुह स्त्री ११६२ कमलनो वेलो सरोरुह न. ११६२ कमलनो वेलो ( सरोरुहं ) न. १८ (प.) कमळ सरोरुहासन पुं २१२ ब्रह्मा सर्ग पुं २५२ पुराणना ६ लक्षण पैकी प्रथम लक्षण · सर्ग पुं १३७६ स्वभाव
(सर्ग) पुं २५७ ग्रंथनो एक भाग विशेष सर्ज पुं ११३८ शाल, डामरनुं झाड 'सर्जक' पुं ११४४ असन वृक्ष सर्जमणि पुं ६४७ राळ सर्जरस पुं ६४७ राळ सर्प पुं १३०२ साप, सर्प