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। अभिधानचिन्तामणिनाममाला • २८२ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द/ लिंग / श्लोक / अर्थ लोक पुं १३६५ जगत, दुनिया (लोमपादपुरी) स्त्री ९७७ भागलपुर, लोक पुं १३६५ जीव-अजीव धर्मास्तिकाय . चंपापुरी
___ . वि.ना आधारभूत क्षेत्र : लोमविष पुं १३१३ वाळमां झेरवाळा वाघ लोकजित् पुं २३५ बुद्ध, सुगत
वगेरे पशु लोकनाथ पुं २३५ (शे. ८१) बुद्ध, सुगत | लोमहृत् पुं. १०५९ हरताल लोकनाभ पुं २१९ (शे. ७३) विष्णु, कृष्ण | लोल न. १४५५ चपल, अनित्य (लोकपाल) पुं ६९० राजा • लोल पुं ४२९ (शे. १०४) लोभी लोकप्रकाशन पुं ९८ (शे. १०) सूर्य लोलघण्ट न. ११०७ (शे. १७२) वायु, पवन लोकबन्धु पुं ९८ (शे. १०) सूर्य |लोला स्त्री ५८५ जीभ लोकबिन्दुसार न. २४८ १४ पूर्व पैकी | लोलुप पुं ४३० लोभी, अतिलोभी
१४मुं पूर्व | लोलुभ पुं ४३० लोभी, अतिलोभी लोकालोक पुं १०३१ अंधकार अने प्रकाश | लोष्ट पुं न. ९७० माटी, ढे' वच्चे आवेलो ते नामनो कल्पित पर्वत | लोष्टभेदन पुं ८९३ मुद्गर, हथोडो लोकेश पुं २१३ ब्रह्मा
लोष्ट पुं ९७० माटी ढे' लोचन न. ५७५ आंख
लोह पुं न. ६४० अगरु, अगर लोत न. ३०७ (शे. ८९) आंसु | लोह पुं न. १०३७ लोढुं लोध्र पुं ११५९ लोधरनु झाड लोह पुं न. १०३९ सुवर्ण वगेरे सर्व धातुओ लोपाक पुं १२९१ शियाळने मळतुं प्राणी | लोहकण्टकसञ्चिता स्त्री ७८७ (शे. १५०) लोपामुद्रा स्त्री १२३ अगस्त्य ऋषिनी पत्नी शतघ्नी, सेंकडो माणसोने संहार करनारुं लोन न. ३८३ चोरी, धन
शस्त्र, तोप लोभ पुं. ४३० लोभ
लोहकार पुं ९२० लुहार लोभन न. १०४४ (शे. १६३) सोनुं लोहज न. १०४९ कांसु लोभ्य पुं ११७२ मग
लोहदण्ड पुं७८७ (शे. १४९) अस्त्राना जेवू लोमकर्ण पुं १२९६ ससलुं
" शस्त्र, खरपली लोमकिन् पुं १३१७ (शे. १८७) पक्षी | लोहनाल पुं ७७९ (शे. १४४) लोढा- बाण लोमन् न. ६३० रोम, रुंवाटा लोहपृष्ठ पुं १३३४ कंक पक्षी, आ पक्षीनी लोमपादपुर स्त्री ९७७ भागलपुर, चंपापुरी | पांखथी बाणनी पुंख थाय छे