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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . २१२ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ प्रकाशित न. १४७८ प्रगट करायेलु प्रगाढ न. १३७१ दुःख, पीडा प्रकीर्णक न. ७१७ चामर
प्रगुण पुं. १४५६ सरळ, सीधो प्रकीर्णक पुं १२३३ (शे. १७८) घोडो | प्रगे अ. १५३३ सवार . प्रकीर्णकेशी स्त्री २०५ (शे. ५७) पार्वती | प्रगे अ. १३९ प्रातःकाळ प्रकूष्माण्डी स्त्री २०५ (शे. ५३) पार्वती | प्रग्रह पुं ९९ किरण प्रकृति स्त्री ७१४ राज्यना ७ अंग | प्रग्रह पुं ८०६ केदी, बंदीवान प्रकृति स्त्री ८९९ शिल्पी, कारीगर | प्रग्रीव पुं न. १०१२ झरुखों, गोख प्रकृति स्त्री १३७६ स्वभाव ' प्रघण पुं १०१० बारणाना आगळना भागमा प्रकृष्ट त्रि. १४३८ मुख्य, प्रधान - करेलो ओटलो . प्रकोष्ठ पुं ५९० कोणीथी नीचेनो कांडा | प्रचाण. पुं १०१० बारणाना आगला भागमां सुधीनो भाग
करेलो ओटलो प्रक्रम पुं १५०९ समय, अवसर, प्रसंग | प्रघात पुं ७९७ युद्ध, लडाई प्रक्रम पुं १५१० ज्ञानपूर्वक आरंभ प्रचक्र न. ७९० चालेलुं लश्कर प्रक्रिया स्त्री ७४४ व्यवस्था करवी प्रचक्षस् पुं ११९ (शे. १५) गुरु, बृहस्पति प्रक्वण पुं १४०८ वीणानो अवाज . प्रचलाक पुं १३२० मोरनुं पीछु प्रक्वाण पुं १४०८ वीणानो अवाज प्रचलायित पुं. ४४२ बेठां बेठां उंघनार प्रक्षर न. १२५१ पाखर, घोडानुं बख्तर | प्रचुर न. १४२५ बहु, घj प्रक्ष्वेडन पुं ७७९ लोढानुं बाण प्रचेतस् पुं १८८ वरुण देव प्रखर पुं १२५१ पाखर, घोडा, बख्तर 'प्रचोदनी' स्त्री ११५७ बेठी भोंय रींगणी प्रखल पुं ३८० (शे. ९४) दुर्जन, चाडीओ | प्रच्छदपट पुं६७६ ओछाड, उत्तरपट । प्रख्य वि. १४६२ तुल्य, सरखं | प्रच्छन्न न. १००७ गुप्त द्वार, अंदरनुं बार| प्रख्यस् पुं ११९ (शे. १५) गुरु, बृहस्पति | प्रच्छर्दिका स्त्री ४६९ ऊलटी, वमन प्रख्यातवप्लुक पुं५०२ प्रख्यात पितानो पुत्र | प्रच्छादन न. ६७१ ओढवानुं वस्त्र प्रगण्ड पुं ५९१ कोणीथी खभा सुधीनो भाग | प्रजन पुं १२७४ पशुओनो गर्भ ग्रहणप्रगल्भ पुं ३४३ प्रौढ, प्रतिभाशाली ।
काळ, गर्भाधान प्रगल्भता स्त्री २९९ उत्साह । प्रजनन नं. ६११ स्त्री-पुरुष, चिह्न, प्रगल्भा स्त्री २०५ (शे. ५१) पार्वती
' योनि-लिंग