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शब्दमाला . १९७ .
HARISHAD
सांकळ
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ पातालौकस् पुं (ब.व.) २३८ असुर | पादत्राण न. ९१५ (शि. ८०) पगरखां, पातुक पुं ४४५ पडनार
. जोडां पात्र न. ३२७ नाटकमां पात्र पादपालिका स्त्री ६६६ (शे. १३६) झांझर, पात्र न. ८२८ यज्ञमां वपरातुं खुव चमस
कल्लु (पगे पहेरवान) . आदि पात्र
पादपाश पुं १२२९ हाथीना पगे बांधवानी पात्र त्रि. १०२६ वासण पात्र त्रि. १०७९ बने किनारानी | पादपाश पुं १२५१ दामण, घोडाना पगे वच्चेनो जलपट
बांधवानुं दोरडु पाथस् न. १०६९ पाणी
पादपीठ न. ७१८ पग मूकवानो बाजोठ पाथेय न. ४९३ भातुं
पादपीठी स्त्री ९१५ (शे. १५६) पगरखां पाद् पुं ६१६ (शे. ४८) पग
पादमूल न. ६१६ पगनी एडी पाद पुं १०० किरण
पादरक्षण न. ९१४ पगरखां पाद पुं ३३६ पूज्य वाचक नाम पछी | पादरथी स्त्री ९१५ (शे. १५५) पगरखां
लगाडातो शब्द | पादवल्मीक पुं न. ४६५ पगनो रोग, पाद पुं ६१६ पग ।
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हाथीपगो पाद पुं १०३४ मुख्य पर्वतनी | पादवीथी स्त्री ९१५ (शे. १५६) पगरखां
नीचेना नाना पर्वतो. पादशीली स्त्री ६६६ (शे. १३६) झांझर, पाद पुं १४३४ चोथो भाग (पाद) पुं ११२१ वृक्ष मूळ पादस्फोट पुं ४६५ पगनो रोग, पगमां पादकटक पुं नः ६६५ झांझर, कल्लु
___थयेल फोडो पादकीलिका स्त्री ६६६ (शे. १३६) पगनी | पादान न. ६१७ पगनो आगलो भाग
___ अंगूठी / पादाङ्गद न. ६६५५ झांझर, कल्लु पादग्रहण न. ८४४ पगमां पडवू, (वंदन, | पादाङ्गुलीयक न. ६६६ (शे. १३६) नमस्कार)
पगनी अंगूठी पादचारिन् पुं ४९८ पगे चालनार, पाळो | पादाजि पुं ४९८ पगे चालनार, पाळो पादजगु पुं ९१५ (शे. १५५) पगरखां, | पादात पुं ४९८ (शे. १०८) पगे चालनार, जोडां ।
. पाळो
कल्लु