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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १५४
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द / लिंगं / श्लोक / अर्थ दाश पुं ९२९ माछीमार
| दिधीषू स्त्री ५२५ (शि. ४२) पुनर्लग्न दाशरथि पुं६९७ आठमा वासुदेव, लक्ष्मण |
- करेली स्त्री दाशरथि पुं ७०३ रामचंद्रजी | दिन पुं न १३८ दिवस दाशार्ह पुं २१४ विष्णु, नारायण | दिनकर पुं ९७ सूर्य : दावेयी स्त्री ८४८ व्यास ऋषिनी माता (दिनकृत्) पुं ९७ सूर्य दाशेर पुं १२५४ ऊंट
दिनकेसर पुं १४६ (शे.. २१) अंधकार दास पुं ३६० चाकर. . (दिनप्रणि) पुं.९७ सूर्य : दासी स्त्री ५३४ दासी । | (दिनबन्धु) पुं ९६ सूर्य दासेय पुं ५४८ दासीनो पुत्र .. दिनमल पुं १५२ (शे. २३) महीनो दासेर पुं ५४८ दासीनो पुत्र . (दिनरत्न) न ९५ सूर्य . दिक्करी स्त्री ५११ युवान स्त्री, | दिनाण्ड न १४६ (शे. २१) अंधकार
ऋतु प्राप्त थयेल स्त्री. | दिनात्यय पुं १४४ (शे. २०) रात्रिनो दिक्कुमार पुं ९० भवनपति देव पैकी
प्रथम भाग १०मा देव
दिनावसान न १४० सांजनो समय दिगम्बर पुं १४६ (शे. २१) अंधकार (दिनेश) पुं ९७ सूर्य दिगम्बर पुं २०९ (शे. ६३) कार्तिकेय | दिन्दु पुं २२३ वसुदेव (कृष्णना पिता) दिग्गज पुं १७० दिशाना नायक हाथी . | दिव् स्त्री ८७ स्वर्ग दिग्ध पुं ७७९ झेरवाळु बाण |दिव स्त्री १६३ आकाश दिग्ध न १४८३ लींपायेलु, लींपेलु दिव न १३८ दिवस (दिग्वस्त्र) पुं १९८ शंकर
दिव न ८७ (शे. ३) स्वर्ग . दिग्वासस् पुं १९८ शंकर
'दिव' १३२९ चाष पक्षी दित न १४८९ छेदायेखें, कापेलु | दिवःपृथिवि स्त्री (द्वि.व.) ९३९ (शि. ८३) दितिज पुं २३८ असुर
स्वर्ग अने पृथ्वी दिदिवि पुं ८७ (शे. ३) स्वर्ग दिवस पुं १३८ दिवस' 'दिधिषु' स्त्री ५२५ पुनर्लग्न करेली स्त्री | दिवसकर पुं ९७ सूर्य दिधिषू पुं५२५ पुनर्लग्न करेली स्त्रीनो पति | दिवस्पृथिवी स्त्री (द्वि.व.) ९३९ स्वर्ग दिधिषू स्त्री ५२५ पुनर्लग्न करेली स्त्री ।
अने पृथ्वी