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अभिधानचिन्तामणिनाममाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ त्रिवर्षा स्त्री १२७२ त्रण वर्षनी गाय त्रिवलीक न. ६१२ गुहा त्रिविक्रम पुं २१६ विष्णु, नारायण . त्रिविष्टप पुं ८७ स्वर्ग
त्रिशङ्कुज पुं ७०१ हरिश्चंद्र राजा त्रिशकुयाजिन् पुं ८५० विश्वामित्र ऋषि त्रिशला स्त्री ४१ भगवान महावीर स्वामीनी मातानुं नामं
त्रिशिरस् पुं १८९ कुबेर देव त्रिशिरस् पुं १८८ (शे. ३९) राक्षस त्रिशीर्षक न. ७८७ त्रिशूळ त्रिस् अ. १५४२ ( शे. २६०) त्रणवार त्रिसन्ध्य न. १४० त्रण संध्या
(प्रात: मध्याह्न, सायम्) त्रिसर पुं न. ३९८ तल मिश्रित अन्न. त्रिसीत्य न. ९६८ रणवार हळथी खेलूं खेतर त्रिस्त्रोतस् स्त्री १०८१ गंगा नदी त्रिल्य न. ९६८ त्रणवार हळथी खेलुं खे
त्रिहायणी स्त्री १२७२ त्रण वर्षनी गाय त्रुटि स्त्री १४२७ लव, लेश, अल्प 'त्रुटी' स्त्री १४२७ लव, लेश त्रेता स्त्री ८२६ दक्षिण, आहवनीय अने गार्हपत्य एत्रण प्रकारनो अग्नि त्रेधा अ. १५४२ ( शे. २०६ ) त्रण प्रकारे त्रैपुरपुं ९५६ (ब.व.) चेदी देश, पूर्व हिन्दुस्तान
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शब्द / लिंग / श्लोक ८ अर्थ त्रोटि स्त्री १३१७ पक्षीनी चांच त्र्यक्ष पुं १६ ( प. ) शंकर त्र्यम्बका स्त्री २०३ पार्वती. त्र्युषण न. ४२२ सूंठ मरी अने पीपरनुं मिश्रण त्व न. १४६८ भिन्न, जुदुं त्वक्क्षीरिन् स्त्री न. ११५४ वंश लोचन, वांस कपूर
त्वक्त्र न. ७६६ (शि. ६६) कवच त्वक्पुष्प न. ४६७ कोढ रोग त्वक्सार पुं १९५३ ( शि. १०४) वांस त्वग्मल न. ६३० (शे. १२७) रोम, रुंवाडां त्वच् स्त्री ६१९ चामडी. त्वच् स्त्री ६३० चामडी त्वच् स्त्री ११२१ वृक्षनी छाल त्वच् स्त्री १९८४ केळ वगेरेनी छाल (शाक) त्वचा स्त्री ११२१ (शि. १००) वृक्षनी छाल त्वचिसार पुं १९५३ वांस त्वरा स्त्री ३२२ ऊतावळ त्वरि स्त्री ३२२ ऊतावळ त्वरित पुं ४९४ घणा वेगवाळो त्वरित न. १४७० जल्दी त्वष्ट न. १४८६ छोलेलुं त्वष्ट्रऋ पुं ९६ सूर्य त्वष्ट्ऋपुं १८२ विश्वकर्मा त्वष्ट्ऋ पुं. ९१७ रथकार - सुथार त्वाष्ट्री स्त्री ११२ चित्रा नक्षत्र त्विष् स्त्री १०० किरण