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अभिधानचिन्तामणिनाममाला • ११८
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ चञ्चुमत् पुं १३१७ (शे. १८७) पक्षी चञ्चुसूचिक पुं १३४१ सुघरी पक्षी चञ्चू स्त्री १३१७ पक्षीनी चांच चटक पुं १३३१ चकलो चटका स्त्री १३३१ चकली चटका स्त्री १३३१ बालचकली चटकाशिरस् न. ४२१ गंठोडा, पीपळामूळ
चटु पुं न. २६४ खुशामत. चटुल न. १४५५ चपल, अनित्य चणक पुं ११७१ चणो
चणकात्मज पुं ८५३ वात्स्यायन, चाणक्य, पक्षिल मुनि
चण्ड पुं १८६ यमनो दासचण्ड पुं ३९२ अतिक्रोधी
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चण्ड पुं १३८५ उष्ण स्पर्श, अत्यन्त गरम चण्डकोलाहला स्त्री २९४ ( शे. ८५) शिंगडाना जेवुं वार्जित्र चण्डता स्त्री ३१८ उग्रपणुं, क्रूरपणुं चण्डमुण्डा स्त्री २०६ ( शे. ६२) चामुंडा देवी
चण्डा स्त्री ४५ श्री वासुपूज्य स्वामी
भगवानना शासन देवता 'चण्डात' पुं ११३७ कणेर चण्डातक पुं न. ६७४ सुंदर स्त्रीनुं अर्ध साथल सुधी ढंकाय तेवुं वस्त्र चण्डाल पुं ८९७ शूद्र पुरुष अने
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ चण्डाल पुं ९३३ चांडाल वगेरे चण्डिल पुं ९२२ हजाम चण्डी स्त्री २०३ पार्वती, शंकरनी स्त्री चतुःशाख न. ५६४ ( शे. ११८) शरीर चतुःशाल न. ९९२ चार ओरडावाळं घर चतुःसम न.. ६३९ केशर आदि
चार पदार्थनो मिश्रित लेप चतुर पुं ३४३ होंशियार, प्रवीण चतुरं पुं ३८४ दक्ष, होंशियार चतुर न. ९९८ हस्तिशाला चतुरङ्गबलाध्यक्ष पुं ७२५ सेनापति,
चतुरंगी सेनानो नायक 'चतुरङ्गुल' पुं ११४० गरमाळो चतुर्गति पुं १३५३ काचबो चतुर्दन्त पुं १७७ इन्द्रनो हाथी, ऐरावण चतुर्दशी स्त्री १५१ चौदश तिथि चतुर्दंष्ट्र पुं २१९ ( शे. ७०) विष्णु चतुधा स्त्री १५४२ (शे. २०६ ) चार प्रकारे चतुर्भद्र न. १३८२ धर्म / अर्थ आदि चारे उत्तम होय ते
चतुर्भुज पुं २१६ विष्णु चतुर्मुख पुं २१२ ब्रह्मा चतुर्मुखाङ्गता स्त्री ६२ समवसरणमां
चारमुख, भगवाननो २३मो अतिशय चतुर्वर्ग पुं १३८२ धर्म, अर्थ, काम अने मोक्ष ब्राह्मण स्त्रीथी उत्पन्न थयेल | चतुर्वर्षा स्त्री. १२७२ चार वर्षनी गाय