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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ११२
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ गोनस पुं १३०६ गाय जेवी नासिकावाळो सर्प | गोमत् पुं ८८८ गाय वाळो, गायनो. मालिक गोनीय पुं ८५१ पतंजलि ऋषि | | (गोमतल्लिका) स्त्री १४४१ उत्तम बळद गोनाग पुं. १४४१ उत्तम बळक के गाय
... के गाय गोनास पुं १३०६ गायना जेवी गोमती स्त्री १०८५ गोमती नदी
नासिकावाळो सर्प गोमय पुं न. १२७२ गाय- छाण गोप पू ७२६ घणा गामनो अधिकारी- | गोमयोत्था स्त्री १२०८ छाणना कीडा गोप पुं ८८९ गोवाळ . गोमायु पुं १२९० शियाळ गोप पुं १०६३ (शि. ९४) हीराबोळ गोमिन् पुं ८८८ गायवाळो, गायनो मालिक गोपति पुं ९७ सूर्य
| गोमुख पुं ४१ श्री ऋषभदेवना शासनदेव गोपति पुं १२५९ सांढ, आखलो | गोमुख पुं १३४९ मगरमच्छ गोपरस पुं १०६३ हीराबोळ | गोमेध पुं ४३ श्री नेमिनाथ गोपानसी स्त्री १००९ भारवटियां, .
. भगवानना शासन देव वलभीने ढांकवानुं वांकुं लाकडुंगोयुग न. १४२४ पशुओना युगलमां गोपायित न. १४९७ रक्षण करायेलुं पशुवाचक शब्द थकी गोयुग शब्द जोडवो गोपाल पुं ८८९ गोवाळ
| दा.त. अश्वगोयुग गोपाल पुं २०० (शे: ४३) शंकर गोरस पुं ४०४ तरत दोहेलुं दूध गोपालिका स्त्री १२०८ गीगोडी, चीचडी | गोरस पुं ४०६ दही, गोरस गोपाली स्त्री ५१८ (शे. १०९) विलेपन, गोरस पुं ४०८ छासं, वलोवेलुं दहीं
पीठी वगेरे करवी | गोराटी स्त्री १३३६ सारिका, मेना गोपित्त न. १०५९ (शि. ९२) हरताल गोरुत न. ८८७ बे कोश, बे गाउ गोपुच्छ पुं ६६१ बे सेरनो हार गोलक पुं ५५० पति मरी गया पछी गोपुर न. ९८१ नगरनो दरवाजो
जारथी उत्पन्न थयेलो पुत्र गोपेन्द्र पुं २१८ विष्णु, नारायण गोला स्त्री १०६० महाशील धातु गोप्य पुं ३६० चाकर, नोकर | गोला स्त्री २०५ (शे. ६१) पार्वती, (गोप्रकाण्ड) न. १४४१ उत्तम बळद के गाय (गोमचर्चिका) स्त्री १४४१ उत्तम बळद | गोलागूल पुं १२९२ काळा के गाय ।
मुखवाळो वांदरो
शंकर पत्नी