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अन्यारादितरतेंदिक्छब्दातरपदावाहियुक्ते
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अन्यारादितरतेंदिक्छब्दाश्त्तरपदाजाहियुक्ते -
II. iii. 29 अन्य, आरात. इतर, ऋते, दिक्शब्द, अत्तरपद, आच प्रत्ययान्त तथा आहि प्रत्ययान्त शब्दों के योग में (पश्चमी विभक्ति होती है)। ...अन्येधुस् -V.iii. 22
देखें-सद्य:परुत० V. iii. 22 अन्येभ्यः - III. ii. 75
अन्य = अनाकारान्त धातुओं से (भी सुबन्त उपपद रहते मनिन,क्वनिप.वनिप और विच प्रत्यय देखे जाते है)। अन्येभ्यः -III. 1. 178
अन्य धातुओं से (भी तच्छीलादि कर्ता हों, तो वर्तमान काल में क्विप् प्रत्यय देखा जाता है)। अन्येभ्यः - III. iii. 130 (वेद विषय में ) गत्यर्थक धातुओं से अन्य धातुओं से (भी कच्छाकच्छ अर्थ में ईषदादि उपपद रहते हुए युच प्रत्यय देखा जाता है)। अन्येषाम् - VI. ii. 136
जिनें सत्रों से दीर्घत्व नहीं कहा, उनसे अन्य शब्दों को (भी दीर्घ देखा जाता है)। अन्येषु -III. I. 101 (पर्वसत्रों से जिनके उपपद रहते जन् धातु से ड प्रत्यय का विधान किया है,उनसे) अन्य कोई उपपद हो तो (भी जन धातु से ड प्रत्यय देखा जाता है)।
. ...अन्योन्योपपदात् -I. iii. 16
देखें -इतरेतरान्योन्योपपदात् I. iii. 16 अन्वचि-III. iv.64
(अनुकूलता गम्यमान हो तो) अन्वक शब्द उपपद रहते (भू धातु से क्त्वा और णमुल् प्रत्यय होते हैं)। अन्ववतप्तात् -V. iv. 81 ,
अनु, अव तथा तप्त शब्द से उत्तर (रहस् शब्दान्त प्रातिपदिक से समासान्त अच् प्रत्यय होता है)। ...अन्ववसर्ग... -I. iv.95
देखें- पदार्थसम्भावनान्वसर्ग० I. iv. 95 अन्वाजे-I. iv.62 (उपाजे तथा) अन्वाजे शब्द (कत्र के योग में निपात और गतिसंज्ञक होते है)।
अन्वादिष्टः - VI. ii. 190 (अनु उपसर्ग से उत्तर) अन्वादिष्टवाची = कथन करने के पश्चात् कुछ और कहा जाये अथवा उस कथन में गौण कथन हो,इस अर्थ के वाचक (पुरुष शब्द को भी अन्तोदात्त होता है)।
अन्वादेशे-II. iv. 32 ___ अन्वादेश = कहे हुये वाक्य के पीछे उसी को कुछ और
कहने में वर्तमान (इदम् शब्द को अनुदात्त अश् आदेश होता है,तृतीया आदि विभक्ति परे रहते)। हाता अन्विच्छति -V. 1.75 (तृतीयासमर्थ पार्श्व प्रातिपदिक से) चाहता है' अर्थ में (कन् प्रत्यय होता है)। अन्वेष्टा-v.ii. 90 'अन्वेष्टा' = पीछे जाने वाला अर्थ में (अनुपदी शब्द : का निपातन किया जाता है)। अप-III. II.57 (ऋकारान्त तथा उवर्णान्त धातुओं से कर्तृभिन्न संज्ञा तथा भाव में) अप् प्रत्यय होता है। ...अप-v.iv.74
देखें- ऋक्पूरब्यू: V. iv.74. अप्-V.iv. 116 (परण-प्रत्ययान्त स्त्रीलिङ्ग तथा प्रमाणी अन्तवाले शब्दों से बहवीहि समास में समासान्त) अप् प्रत्यय होता है। ...अप... -VI.i. 165
देखें- ऊडिदम् VI. 1. 165 . ...अप... - VI. ii. 144
देखें-थाथव VI. ii. 144 अप्... -VI. iv. 11.
देखें - अप्तन्तच VI. iv. 11 अप.. -I.iv.87 देखें - अपपरी I. iv.87 अप.. -II.i. 11
देखें-अपपरिबहिस्सवः II. I. 11 अप.. -II. iii. 10
देखें- अपाड्परिभिः II. iii. 10 ...अप... - VIII. 1.97
देखें-अम्बाम्ब० VIII. 1.97