SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 540
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सङ्ख्यायाः 522 सङ्ख्यायाः +v.iv.59 संख्येये-II. ii. 25 (गुण शब्द अन्त वाले) सङ्ख्यावाची प्रातिपदिकों से संख्येय = जिसकी गणना की जाये- अर्थ में वर्त(भी कृञ् के योग में कृषि अभिधेय हो तो डाच प्रत्यय मान (संख्या के साथ अव्यय,आसन्न,अदूर, अधिक और होता है)। संख्या समास को प्राप्त होते हैं और वह समास बहुसंख्यायाः -VI. ii. 163 व्रीहिसञ्जक होता है)। संख्या शब्द से उत्तर (स्तन शब्द को बहतीहिसमास में सङ्ख्येये-V.iv.7 अन्तोदात्त होता है)। (बहु तथा गण शब्द जिसके अन्त में नहीं हैं, ऐसे) सख्याया-VII. iii. 15 सङ्ख्येय अर्थ में (वर्तमान बहुव्रीहिसमासयुक्त प्रातिपसङ्ख्यावाची शब्द से उत्तर (संवत्सर शब्द के तथा ___दिक से डच् प्रत्यय होता है)। सङ्ख्यावाची शब्द के अचों में आदि अच् को भी जित, सङ्ख्यैकवचनात्- V. iv. 43 णित् तथा कित् तद्धित परे रहते वृद्धि होती है)। सङ्ख्याची प्रातिपदिकों से तथा एक अर्थ को कहने सङ्ख्यायाम् -VI. iii.46 वाले प्रातिपदिकों से (भी वीप्सा द्योतित हो रही हो तो (द्वि तथा अष्टन् शब्दों को आकारादेश होता है। विकल्प से शस् प्रत्यय होता है)। सङ्ख्या उत्तरपद हो तो; (बहुव्रीहि समास तथा अशीति सङ्ग-VIII. lil.80 . उत्तरपद को छोड़कर)। (समास में अङ्गलि शब्द से उत्तर) सङ्ग शब्द के (सकार .. सङ्ख्याविसायपूर्वस्य-VI. 1. 109 को मूर्धन्य आदेश होता है)। संख्या,वि तथा साय पूर्व वाले (अ) शब्द को (विकल्प ...सङ्गत....- V.i. 102 करके अहन् आदेश होता है, ङि परे रहते)। देखें- अचतुरमङ्गल० V. 1. 120 संख्याव्ययादेः- IV.i. 26 सङ्गतम्-III. 1. 105 संख्या आदि वाले तथा अव्यय आदि वाले (ऊधस सङ्गत = सङ्गति अर्थ में (अजयम' शब्द का कर्तृवाच्य शब्दान्त बहुव्रीहि समास युक्त) प्रातिपदिक से (डीप प्रत्यय __ में निपातन है, नञ् पूर्वक जृष् धातु से)। होता है)। समामे- IV. ii. 53. सङ्ख्याव्ययादेः- V. iv. 86 (प्रथमासमर्थ प्रयोजन और योद्धा के साथ समानाधिसङ्ख्या तथा अव्यय आदि में है, जिस (अङ्गलि करण वाले प्रातिपदिकों से षष्ठ्यर्थ में).समाम = युद्ध शब्दान्त तत्पुरुष समास के, तदन्त) प्रातिपदिक से (समा अभिधेय हो (तो यथाविहित अण प्रत्यय होता है)। सान्त अच् प्रत्यय होता है)। सङ्क...-III. iii. 86-. . संख्यासंभद्रपूर्वाया:- IV.i. 115 देखें- सोधौ III. iii. 86 संख्या,सम् तथा भद्र पूर्व वाले (मातृ) शब्द से (अपत्य सड़..-IV. iii. 126 अर्थ में अण प्रत्यय होता है,साथ ही मातृ शब्द को उकार देखें-सालक्षणेषु IV. iii. 126 अन्तादेश भी हो जाता है)। ...स...V. 1.57 सङ्ख्यासुपूर्वस्य-v.iv. 140 देखें- संज्ञासङ्घसूत्रा0 V.i. 57 सङ्ख्यावाची शब्द पूर्ववाले तथा सु शब्द पूर्ववाले ...सहस्य-V.ii. 52 (पाद) शब्द का (समासान्त लोप हो जाता है)। देखें-बहुपूगo V. 1. 52 ...सख्ये-II. 1. 48 ...सङ्घष... - VII. ii. 28 देखें- दिक्सङ्ख्ये II. . 48 देखें-रुष्यमत्वरO VII. I. 28
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy