________________
विभाषा
विभाषा - II. 1. 11
(अप, परि, बहिस्, अनु - ये सुबन्त पञ्चम्यन्त समर्थ सुबन्त के साथ) विकल्प से (समास को प्राप्त होते हैं और वह अव्ययीभाव समास होता है)।
विभाषा - IIIII. 17
(अनादर गम्यमान होने पर मन् धातु के प्राणिवर्जित कर्म में) विकल्प से (चतुर्थी विभक्ति होती है)।
विभाषा - II. iii. 25
विकल्प से (पञ्चमी विभक्ति होती है, स्त्रीलिङ्गवर्जित गुणरूप हेतु में) ।
विभाषा - 11. III. 58 •II. iii.
उपसर्गसहित दिव् धातु के कर्म कारक में) विकल्प से (षष्ठी विभक्ति होती है)।
विभाषा
(वृक्ष, मृग, तृण, धान्य, व्यञ्जन, पशु, शकुनि, अश्ववडव, पूर्वापर, अधरोत्तरवाची शब्दों का द्वन्द्व) विकल्प से (एकवद्भाव को प्राप्त होता है)।
-
II. iv. 12
विभाषा - 11. Iv. 16
(अधिकरण के परिमाण का समीप अर्थ कहना हो तो द्वन्द्वसमास में) विकल्प से (एकवद् होता है) । विभावा – II. iv. 25
-
(नकर्मधारयवर्जित सेना, सुरा, छाया, शाला, निशाशब्दान्त तत्पुरुष) विकल्प से (नपुंसकलिङ्ग में होता है)। विभाषा - II. iv. 50
(इड् धातु को) विकल्प से (गाङ् आदेश होता है, लुङ् तथा लृङ् लकार परे रहते) ।
विभाषा II. Iv. 78
(ना, धेट, शा, छा एवं सा धातुओं से परे) विकल्प करके (परस्मैपद परे रहते सिच् का लुक् हो जाता है)।
विभाषा III. 1. 20
(कृ तथा वृष् धातुओं से) विकल्प से (क्यप् प्रत्यय होता わ
-
विभावा III. 1. 49
( तथा टुओश्वि धातुओं से चिल के स्थान में चड् आदेश) विकल्प से होता है, कर्तृवाची लुक् परे रहते)।
481
विभाषा - III. 1. 113
(मृज् धातु से विकल्प से (क्यप् प्रत्यय होता है)। विभाषा III. 1. 139
-
विभाषा
(अनुपसर्ग हुधाञ् और डुदाञ् धातुओं से) विकल्प से (श प्रत्यय होता है)।
विभाषा III. 1. 143
i.
(ग्रह धातु से) विकल्प से (ण प्रत्यय होता है)। विभाषा III II. 114
(अभिज्ञावचन शब्द उपपद हो तो यत् का प्रयोग हो या न हो, तो भी अनद्यतन भूतकाल में धातु से लृट् प्रत्यय) विकल्प से होता है, यदि प्रयोक्ता साकांक्ष हो तो)। विभाषा - III. ii. 121
-
-
(पृष्टप्रतिवचन अर्थ में धातु से न तथा नु उपपद रहते सामान्य भूतकाल में) विकल्प से (लट् प्रत्यय होता है) । पृष्टप्रतिवचन = पूछे जाने पर दिया जाने वाला उत्तर । विभाषा - III. iii. 5
(कदा तथा कर्हि उपपद हों, तो धातु से भविष्यत्काल में) विकल्प से (लट् प्रत्यय होता है) ।
विभाषा - III. iii. 50
(आइ पूर्वक रु तथा प्लु धातुओं से कर्तृभिन्न कारक संज्ञा तथा भाव में) विकल्प से (घञ् प्रत्यय होता है)। विभाषा
III. iii. 110
(उत्तर तथा प्रश्न गम्यमान होने पर धातु से स्त्रीलिङ्ग कर्तृभिन्न कारक संज्ञा तथा भाव में) विकल्प से (इब् प्रत्यय होता है तथा चकार से ण्वुल् भी होता है)। विभाषा - III. III. 1.38
(भविष्यत्काल में पहले भाग की मर्यादा को कहना हो तो अनद्यतन की तरह प्रत्ययविधि) विकल्प से (नहीं होती, यदि वह कालविभाग अहोरात्रसम्बन्धी न हो तो)। विभाषा - III. III. 140
(गर्दा गम्यमान हो तो कथम् शब्द उपपद रहते) विकल्प
से (लिङ् प्रत्यय होता है तथा चकार से लट् प्रत्यय भी होता है)।
विभाषा - III. iii. 155
(सम्भावन अर्थ के कहने वाला धातु उपपद हो तो यत्
शब्द उपपद न होने पर सम्भावन अर्थ में वर्तमान धातु