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पर...
...रक्षितैः - II.i. 35
युग = जुआ,जोड़ा । प्रासङ्ग = जुआ,बैलों के लिये। देखें - तदर्थार्थबलिहित० II. 1. 35
रथवदयोः -VI. iii. 101 रक्षोयातूनाम् - IV. iv. 121
रथ तथा वद शब्द उत्तरपद हों तो (भी कु को कत् (षष्ठीसमर्थ) रक्षस् तथा यातु प्रातिपदिकों से (हननी आदेश होता है)। अर्थ में यत् प्रत्यय होता है)।
रथाङ्गम्- VI. . 144 रक्षस् = भूत, प्रेत, पिशाचा। यातु = याची, हवा,
(अपस्कर शब्द सुट्सहित निपातन किया जाता है) यदि समय।
उससे रथ का अवयव कहा जा रहा हो तो। रङ्क- IV. ii. 99
...रथात् -IV. ii.49 रङ शब्द से (मनुष्य अभिधेय न हो तो अण् और ष्फक्
देखें-खलगोरथात् IV. ii. 49 प्रत्यय होते हैं)।
रथात् - IV. iii. 120 ...रज... - III. ii. 142
(षष्ठीसमर्थ) रथ प्रातिपदिक से (इदम' अर्थ में यत् । देखें - सम्पृचानुरुध III. ii. 142
प्रत्यय होता है)। रज कृष्यासुतिपरिषदः - V.ii. 112
रथो: - V. iii. 4 रजस्, कृषि, आसुति तथा परिषद् प्रातिपदिकों से..
(इदम शब्द के स्थान में) रेफादि तथा थकारादि प्रत्ययों (मत्वर्थ' में वलच् प्रत्यय होता है)।
के परे रहते (यथासङ्ख्य करके एत तथा इत आदेश होते रजस् = धूल, कण, आसुति. अर्क, काढ़ां। . ...रजतादिभ्यः - IV. iii. 152
रदाभ्याम् -VIII. ii. 42 देखें-प्राणिरजतादिभ्य: IV. iii. 152
रेफ तथा दकार से उत्तर (निष्ठा के तकार को नकारादेश रजस्... - V. ii. 112
होता है तथा निष्ठा के तकार से पूर्व के दकार को भी देखें- रजःकृष्याo v. ii. 112
नकारादेश होता है)। ...रजसाम् -V.iv.51
रधादिभ्य: - VII. ii. 45 देखें-अरुर्मनस्० V. iv. 51 ...रजोः -III.1.90
रधादि धातुओं से उत्तर (भी वलादि आर्धधातुक को देखें-कुषिरजोः III. 1. 90
विकल्प से इट् आगम होता है)। रजेः-VI. iv. 26
रधि... - VII. I. 61 रङ्ग अङ्ग की (उपधा के नकार का भी.लोप होता है,
देखें - रधिजभो: VII. I. 61 शप परे रहते)।
रधिजभोः -VI.i. 61. रथ... - IV. iv. 76
(अजादि प्रत्यय परे रहते) 'रध हिंसासंराध्योः तथा जभ देखें- रथयुगप्रासङ्गम् IV. iv.76
गात्रविनामे अङ्ग को (नुम् आगम होता है)। रथ... - VI. iii. 101
रधे: - VII.i.62 देखें- रथवदयो:VI. iii. 101
(लिड् भिन्न इडादि प्रत्यय परे रहते) रथ् अङ्ग को (नुम् रथ: - IV. ii.9
आगम नहीं होता। (ततीयासमर्थ प्रातिपदिक से ढका हुआ' अर्थ में यथा- . रन्-III. iv. 105 विहित प्रत्यय होता है, यदि वह ढका हुआ) रथ हो तो। लिादेश जो झ.उसको) रन आदेश होता है। रथयुगप्रासङ्गम् - IV. iv.76
रपर... - VIII. iii. 110 (द्वितीयासमर्थ) रथ,युग,प्रासङ्ग प्रातिपदिकों से (ढोता
देखें - रपरसपिO VIII. iii. 110 है' अर्थ में यत् प्रत्यय होता है)।