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नजिट
...नक्षत्र...
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...नक्षत्र.-VI. iii. 74
नखमुखात् -IV.1.58 देखें- नानपात्. VI. iii. 74
नखशब्दान्त तथा मुखशब्दान्त प्रातिपदिकों से (संज्ञानक्षत्रद्वन्द्वे - 1. ii. 63
विषय में स्त्रीलिङ्ग में ङीष् प्रत्यय नहीं होता) (तिष्य तथा पुनर्वसु शब्दों के) नक्षत्रविषयक द्वन्द्व समास .....नखे... - III. ii. 34 में (बहुवचन के स्थान में नित्य ही द्विवचन हो जाता है) देखें- मितनखे III. II. 34 नक्षत्रात् - V. iv. 141
नगः - VI. iii. 76 नक्षत्र प्रातिपदिक से (वेद-विषय में घ प्रत्यय होता है। (प्राणि-भिन्न अर्थ में वर्तमान) नग शब्द के (न को नक्षत्रात् - VIII. iii. 100
प्रकृतिभाव विकल्प करके होता है)। (गकारभिन्न से परे) नक्षत्रवाची शब्दो से उत्तर (सकार ...नगर... -IV. 1. 141 को एकार परे रहते सद्भा-विषय में विकल्प से मूर्धन्य देखें-कन्यापलद IV. 1. 141 आदेश होता है)।
...नगराणाम् -VII. Ili. 14 नक्षत्रे -I. ii.60
देखें - ग्रामनगराणाम् VII. iii. 14 (फल्गुनी और प्रोष्ठपद) नक्षत्रविषयक (द्वित्व) अर्थ में नगरात् - IV. II. 127 (भी बहुत्व विकल्प करके होता है)।
(निन्दा और नैपुण्य अभिधेय हों तों) नगर प्रातिपदिक नक्षत्रे - II. iii. 45
से (शैषिक वुञ् प्रत्यय होता है)। नक्षत्रवाची (लुबन्त) शब्द से (तृतीया और सप्तमी नगरान्ते - VII. II. 24 विभक्ति होती है)।
(प्राच्य देश में) नगर अन्तवाला अग, उसके (पूर्वपद नक्षत्रे - III. 1. 116
तथा उत्तरपद के अचों में आदि अच् को जित,णित् तथा नक्षत्र अभिधेय होने पर (पष्य और सिख्य शब्द क्रमशः कित तद्धित परे रहते वृद्धि होती है)। . पुष् और सिध् धातुओं से क्यप् प्रत्ययान्त निपातन हैं, नगरे – VI. 1. 150. अधिकरण कारक में)। .
(कास्तीर तथा अजस्तुन्द शब्दों में सुट् आगम निपातन नक्षत्रेण - IV. 1.3
किया जाता है) नगर अभिधेय हो तो। नक्षत्रविशेषवाची तृतीयासमर्थ प्रातिपदिक से ('उन नगरे - VI. I.89 नक्षत्रों से युक्त काल' कहने में यथाविहित (अण) प्रत्यय
नगर शब्द उत्तरपद रहते (महत् तथा नव शब्द को होता है।
छोड़कर पूर्वपद को आधुदात्त होता है. यदि वह नगर ...नक्षत्रेभ्यः -IV. iii. 16
उदीच्य प्रदेश का न हो तो)। देखें- सन्धिवेलाचतु. IV. iii. 16
...नग्न.. -III. ii. 56 नक्षत्रेभ्यः- IV. ii. 37
देखें-आढयसुभग III. 11. 56 नक्षत्रवाची प्रातिपदिकों से (जातार्थ में उत्पन्न प्रत्यय का नर-III. 11.90 बहुल करके लुक् होता है)।
(यज,याच,यत, विच्छ,प्रच्छ,तथा रक्ष धातुओं से कर्तृनख-IV.i. 58
भिन्न कारक संज्ञा तथा भाव में) नङ प्रत्यय होता है। देखें- नखमुखात् IV. 1. 58
नजिड-III. 1. 172 ...नख... -VI.lil.74
स्वप् तथा तप धातुओं से तच्छीलादि कर्ता हों तो वर्त.. देखें-नभ्राण्नपात VI. 1.74
मानकाल में नजिङ् प्रत्यय होता है।