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...चतुर्थी...
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..चतुर्थी... - VIII. 1. 20
देखें-षष्ठीचतुर्थी. VIII. 1. 20 चतुर्थ्यर्थे -I. iii. 55 (तृतीया विभक्ति से युक्त सम-पर्वक दाण धात से भी आत्मनेपद होता है, यदि वह तृतीया) चतुर्थी के अर्थ में हो तो)। चतुर्थ्यर्थे -II. iii. 62
चतुर्थी के अर्थ में (बहुल करके षष्ठी विभक्ति होती है, वेद में)। चतुर्थ्या: - VI. iii.7 . (जिस सज्ञा से वैयाकरण ही व्यवहार करते हैं,उसको कहने में पर शब्द से उत्तर भी) चतुर्थी विभक्ति का (अलुक् होता है)। ...चतुथ्यौँ -II. iii. 13
देखें-द्वितीयाचतुथ्यौँ II. III. 13 ...चतुर्थ्य: - V. iv. 18
देखें-द्वित्रिचतुर्थ्य: V. iv. 18 ... चतुर्थ:-VI.1. 173
देखें - षट्तिचतुर्थ्य: VI. I. 173 ... चतुर्थ्य: - VII. I. 56 चतुर्थ्य: - VII. II. 59: (वृतु इत्यादि) चार धातुओं से उत्तर (सकारादि आर्ध- धातुक को परस्मैपद परे रहते इट् का आगम नहीं होता)। चतुष्पाच्छकुनिषु - VI. 1. 137
(अप उपसर्ग से उत्तर) चार पैर वाले बैल आदि तथा पक्षी मोर आदि में) जो 'कुरेदना हो तो उस विषय में संहिता में ककार से पूर्व सूट का आगम होता है)। चतुष्पात्...-VI.i. 137
देखें - चतुष्पाच्छकुनिषु VI. 1. 137 चतुष्पादः-II.1.70
चतुष्पाद् = चार पैर वाले पश आदि वाचक (सबन्ती शब्द (समानाधिकरण गर्भिणी सुबन्त के साथ विकल्प से समास को प्राप्त होते हैं और वह तत्पुरुष समास होता है)। चतुष्पाभ्यः - V.I. 135
चतुष्पाद् अभिधायी प्रातिपदिकों से (अपत्य अर्थ में ढ प्रत्यय होता है)।
...चत... - VII. II. 34
देखें-असितस्कभित० VII. 1.34 . ...चत्वारिंशत्... - V.1.58
देखें-पंक्तिविंशति०V.1.58 . ... चत्वारिंशतो... V.I.61
देखें-त्रिंशच्चत्वारिंशतो: V.i.61 चत्वारिंशताभृतौ -VI. 1.48
(सबको अर्थात् द्वि, अष्टन तथा त्रि को जो कुछ भी कह आये हैं, वह) चत्वारिंशत् आदि सङ्ख्या उत्तरपद . रहते (बहुव्रीहि समास तथा अशीति को छोड़कर विकल्प करके हो)। चन... -VIII. I.57
देखें-चनचिदिक VIII.1.57 चनचिदिवगोत्रादितद्धिताडितेषु - VII. I. 57
चन.चित. इव.गोत्रादिगण पठित.शब्द.तद्धित प्रत्यय एवं आमेडित सजक शब्दों के परे रहते (गतिसज्जक से भिन्न किसी पद से उत्तर तिङन्त को अनुदात्त नहीं होता)। चन्द्रोत्तरपदे - VI. 1. 146
(हस्व से उत्तर) चन्द्र शब्द उत्तरपद हो तो (सुट् का . आगम होता है,मन्त्रविषय में)। ...चमः-III. 1. 126 .
देखें - आसुयुवफिक III. 1. 126 ...चमाम् - VII. 1.75 देखें-ष्ठिवुक्लमुचमाम् VII. 1.75
. चर -VIII. iv.53
(अभ्यास में वर्तमान झलों को) चर आदेश होता है, (तथा चकार से जश् भी होता है)। ...चर... -III. 1.24
देखें - लुपसदचर० III. 1. 24 ...चर.. -III. I. 100
देखें-गदमदचरo III. 1. 100 चर... - VII. iv. 87
देखें - चरफलो: VII. iv. 87 चरः-I. ill.53
(उत् उपसर्ग से उत्तर सकर्मक)चर धातु से (आत्मनेपद होता है)।