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२७१. उपासकदशाङ्गसूत्र हिन्दी अनुवाद, विनयश्री / हुल्लासश्री, आगम, हिन्दी, २०वीं, मु., सुमति कार्यालय, कोटा
२७२. ऋजुप्राज्ञव्याकरण, सहजकीर्त्तिगणि / हेमनन्दन उ०, व्याकरण, संस्कृत, १७वीं, 'आदि– प्रणम्य जगतामीशं ..., अन्त- श्रीमत्खरतरगच्छीय वाचनाचार्य श्रीरत्नसार श्रीरत्नहर्ष...', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., बीकानेर, क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर
२७३. ऋषभजिन स्तव - पुण्डरीकगिरिमण्डन ( कातन्त्रसंधिसूत्र गर्भित ), जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूर, स्तोत्र, संस्कृत, १४वीं, 'आदि- सिद्धो वर्णस्समाम्नाय... गा. २३', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, विनय प्रतिलिपि
२७४. ऋषभदत्त चौपाई, रत्नवर्द्धन / रत्नजय उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७३३ शंखवती, — आदि–वामानंदन परगडो तेवीसमो जिनराय ..., अन्त - भगवंत दाख्यो शुद्ध हृद...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - ३, पृ. १२८५
२७५. ऋषभदत्त रूपवती चौपाई, अभयकुशलगणि / पुण्यहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७३७ महाजन, 'आदि-पास जिणेसर प्रणमतां..., अन्त - पूरवभव वातां सुणी...', अ., ह. खजांची संग्रह, बीकानेर, अनन्तनाथ ज्ञान भं., बम्बई
२७६. ऋषभदेव स्तोत्र, धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, स्तोत्र, संस्कृत, १८वीं, 'आदि-जय वृषभवृषभवृषविहितसेव..., अन्त-भावारितमोभरतरणिरूप...', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली पृ. ३६९ २७७. ऋषभदेवाज्ञा स्तव, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, स्तोत्र, प्राकृत, १४वीं, 'आदिनयगमभंगपहाणा... गा. ११', अ., ह. विनय प्रतिलिपि, अभय ग्र., बीकानेर, जैन स्तोत्र संदोह, भाग - १
२७८. ऋषभपञ्चाशिका टीका ( धनपालीय), प्रभानन्दसूरि / देवभद्रसूरि रुद्रपल्लीय, स्तोत्र, संस्कृत, १३वीं, 'अन्त–श्री श्रीप्रभानन्दाचार्यविरचिता...', मु., देवचन्दलाल भाई जैन पु., सूरत, ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा १३०५१
२७९. ऋषभभक्तामर स्तोत्र स्वोपज्ञ टीका सह, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्तोत्र, संस्कृत, १७वीं, 'आदि-नमेन्द्रचन्द्र कृतभद्र जिनेन्द्रचन्द्र..., अन्त - श्रीमन्मुनीन्द्रजिनचन्द्रयतीन्द्र शिष्यं...', मु., समयसुन्दर कृति कु. पृ. ६०४, ह., कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा
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२८०. ऋषिभाषित सूत्र हिन्दी अनुवाद, विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, आगम, हिन्दी, २१वीं, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर
२८१. ऋषिमण्डलप्रकरण अवचूरि, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, प्रकरण, संस्कृत, १७वीं, अ., ह. भुवनभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर
२८२. ऋषिमण्डलप्रकरण अवचूरि, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, प्रकरण, संस्कृत, १६६२ सांगानेर, अ.
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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