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________________ ७३०२. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, समवाय सुतं, अनुवाद, आगम ७३०३. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, समस्या और समाधान ७३०४. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, सहज मिले अविनाशी ७३०५. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, समाधि की छाँह ७३०६. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, साक्षी की आँख ७३०७. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, सो परम महारस चाखै ७३०८. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, स्वयं से साक्षात्कार ७३०९. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, हंसा तो मोती चुगे ७३१०. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, हिन्दी सूक्ति कोश नोट:- चन्द्रप्रभसागर महोपाध्याय की समस्त पुस्तकों का लेखन हिन्दी भाषा में हुआ है और जितयशा फाउण्डेशन, कलकत्ता से प्रकाशित हैं। ७३११. (डॉ०) दशरथ शर्मा, श्री अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ भाग-१, अभिनन्दन ग्रन्थ, हिन्दी, सन् १९७६, मु., अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति, बीकानेर ७३१२. (डॉ०) दशरथ शर्मा, श्री अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ भाग-२, अभिनन्दन ग्रन्थ, हिन्दी, सन् १९७७, मु., अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति, बीकानेर ७३१३. (डॉ०) नगेन्द्र, महोपाध्याय विनयसागर जीवन, साहित्य और विचार, अभिनन्दन ग्रन्थ, हिन्दी, सन् १९९९, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर, जितयशा फाउंडेशन, कलकत्ता ७३१४. पूरनचन्द नाहर, जैन इन्स्क्रिप्शन भाग-१, सम्पादक, अभिलेख, संस्कृत, सन् १९१५, मु. पूरनचन्द नाहर, कलकत्ता ७३१५. पूरनचन्द नाहर, जैन इन्स्क्रीप्शन भाग-२, सम्पादक, अभिलेख, संस्कृत, सन् १९२७, मु. पूरनचन्द नाहर, कलकत्ता ७३१६. पूरनचन्द नाहर, जैन इन्स्क्रिप्शन भाग-३ जैसलमेर, सम्पादन, अभिलेख, संस्कृत, सन् १९२९, मु., पूरनचन्द नाहर, कलकत्ता ७३१७. पूरनचन्द नाहर, जैन इन्स्क्रीप्शन ऑफ मथुरा, सम्पादन, अभिलेख, संस्कृत-इंग्लिश-हिन्दी, ____ सन् १९२७, अ., पाण्डुलिपि पूरनचन्द नाहर संग्रह, कलकत्ता ७३१८. प्रमोदश्री प्रवर्त्तनी / विमलश्रीजी, गुरु गुण मौक्तिक माला, संग्राहिका, गीत स्तवन, . राजस्थानी-हिन्दी, वि. सं. २०२०, विमल प्रमोद ज्ञान भण्डार, फलौदी ७३१९. भंवरलाल नाहटा / अभयराज नाहटा, अलङ्कार दप्पण, अनुवाद, प्राकृत, हिन्दी, सन् २००१, मु., पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी ७३२०. भंवरलाल नाहटा । अभयराज नाहटा, अहिच्छत्रा पार्श्वनाथ तीर्थ, लेखन, वि. सं. २०३४, हिन्दी, मु., श्री जिनदत्तसूरि सेवा संघ, कलकत्ता खरतरगच्छ साहित्य कोश 531 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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