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६८७६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-तुम्हें बाट जोवंता आव्या... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३१४ ६८७७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
_ 'आदि–पिउडा मानउ बोल हमारउरे... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३१७ ६८७८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदिप्रियडुउ आव्यउ रे आसा फली... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३०९ ६८७९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी; १७वीं,
'आदि–प्रीतड़ियां न कीजइ हो नारि... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३११ ६८८०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि–प्रीतड़ी प्रीतड़ी न कीजइ हे नारि... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३१० ६८८१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
___ 'आदि-मुझ दन्त जिसा मचकुन्द कली... गा.५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३१५ ६८८२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-मुनड़उ ते मोहयउ मुनिवर माहरु रे... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. ३०८ . ६८८३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि–व्हाला स्थूलिभद्र हो... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३१६ ६८८४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्थूलिभद्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-स्थूलभद्र आव्यौ रे आसा फली... गा. ५', मु., समयसुन्दरं कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३१४ ६८८५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्वार्थ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि
स्वारथ की सब हइ रे सगाई... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४३५ ६८८६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, हित शिक्षा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
___ 'आदि-पुण्य न मूंकइ विनय न चूकउ... गा. १०', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४७५ ६८८७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, हीयाली गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-एक नारी वन मांहि उपन्नी... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४९२ ६८८८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, हीयाली गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-कहिज्यो पंडित एह हीयाली... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४९१ ६८८९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, हीयाली गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
___. 'आदि-पंखि एक वनि ऊपनउ... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४९१ ६८९०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, हूंकार परिहार गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-जहां तहां ठउर ठउर डूं डूं डूं... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४९
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