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________________ ६७९८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, रामसीता गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, _ 'आदि-सीतानइ संदेसउ रामजी... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २९९ ६७९९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, राजुल रहनेमि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-यदुपति वांदण जावंता रे... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४० ६८००. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, राजुल रहनेमि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-रुडा रहनेमि म करिस्यउ... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४० ६८०१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, राजुल रहनेमि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-राजमती मनरङ्ग चाली जिण... गा. ८', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३३९ ६८०२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, राजुल रहनेमि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-राजुल चाली रङ्गसु रे लाल... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४१ । ६८०३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, रोहिणी तप स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-रोहिणी तप भवि आदरो रे लाल... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २४२ ६८०४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, लोभ निवारण गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-रामा रामा धनं धनं... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४३१ ६८०५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, वर्तमान चौवीसी स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-जीव जपि जपि जिनवर अन्तरजामी... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १ ६८०६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, विमलनाथ पंचकल्याणक स्तवन-मेड़ता मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-विमलनाथ सुणो वीनति... गा. १५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १०० ६८०७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, विमलनाथ भास-आगरा मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-देव जुहारण देहरइ चाली... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १०२ ६८०८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, विषय निवारण गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-रे जीव विषय थी मन वालि... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४५१ ६८०९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, वीतराग सत्य वचन गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-हां हो जिनधर्म जिनधर्म सउ कहई... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४७ 498 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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