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________________ ६६७९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, परब्रह्म गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-हुं हमारे परब्रह्म ज्ञानं... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४६ ६६८०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पर्युषण पर्व गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-भलइ आये पर्युषण पर्व री... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २४१ . ६६८१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पारकी होड निवारण गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-पारकी होड तूं म कर रे प्राणिया... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, - पृ. ४३२ ६६८२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ गीत अमीझरा मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-भले भेट्यउ पास अमीझरउ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १७७ ६६८३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन गीत-कंसारी त्रबांवती मण्डन भीड़भंजन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-भीड़भंजन तुम पर वारी हो... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १६१ ६६८४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ गीत-भड़कुल मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-भड़कुल भेटियउ हो... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १७८ ६६८५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ गीत-स्तम्भतीर्थ मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-भलइ भेट्यो रे पास जिणेसर थंभणउरें... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १५९ ६६८६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ भास-अजाहरा मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-आवउ देव जुहारउरे अजाहरउं पास... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १७२ ६६८७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-कंसारी त्रबांवती मण्डन । भीड़भंजन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-चालउ सखी चित चाह सुं... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १६० ६६८८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ भास-कंसारी बांवती भीड़भंजन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-भीड़भंजन तुम पर वारि हो जिणंदा... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १६१ ६६८९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ भास-कंसारी त्रंबावती भीड़भंजन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-भीड़भंजन तू श्री अरिहंत... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १६१ 488 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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