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६५९९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव प्रतिबोध गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-ए संसार असार छइ... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४२३ ६६००. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव प्रतिबोध गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि - ऐ सारा जाण असार संसार ... गा. १०', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४२४
६६०१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव प्रतिबोध गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि- जागि जागि जंतुया तुं... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४२० ६६०२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव प्रतिबोध गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-जिवड़ा जाणे जिण धर्म सार... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४२१
६६०३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव प्रतिबोध गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ‘आदि-जीवड़ा रे जिन भ्रम कीजियइ ... गा. ११', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४२२
६६०४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव प्रतिबोध गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-रे जीव वखत लिख्या सुख लहियइ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४२१
६६०५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव व्यापारी गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-आये तीन जणे व्यापारी... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४३८ ६६०६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, ज्ञान पंचमी लघु स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-पंचमि तप तुम करो रे प्राणी... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २३९
६६०७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, ज्ञान पंचमी बृहत्स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६६६, ‘आदि- प्रणमूं श्रीगुरुपाय... गा. २०', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २३६ ६६०८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, ढंढण ऋषि, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६९२, 'आदि-नगरी अनोपम द्वारिका ... गा. २१', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २७८ ६६०९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, तप गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदितप तप्या काया हुई निरमल... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४५३ ६६१०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, तीरथ भास, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदिसखि चालउ हे सखि चालउ हे... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ६० ६६११. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, तीर्थंकर २४ गुरु नाम गर्भित पार्श्व स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-वृषभ धुरंधर उद्योतन वर... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १८४
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