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६५३३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनकुशलसूरि गीत उग्रसेनपुर मण्डन, गीत
स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-पंथीनइ पूर्वी वातड़ी रे... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति
कुसुमाञ्जलि, पृ. ३५३, दादागुरु भजनावली, पृ. ३७८ ६५३४. समयसुन्दर / सकलचन्द्रगणि, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-पाणी पाणी रे... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३७८ ६५३५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनकुशलसूरि गीत देरावर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-देरावर ऊंचउ गढ...', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ६२६ ६५३६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनकुशलसूरि गीत देरावर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-देरावर दादो दीपतौ रे... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. ३५१, दादागुरु भजनावली, पृ. ३७७ ६५३७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनकुशलसूरि गीत नागौर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, आदि-उल्लट धरि अमे आविया दादा... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति
कुसुमाञ्जलि, पृ. ३५३, दादागुरु भजनावली, पृ. ३७६ ६५३८. समयसुन्दरोपाध्याय / संकलचन्द्रगणि, जिनकुशलसूरि गीत पाटन मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-उदउ करौ संघ उदउ करौ... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति
कुसुमाञ्जलि, पृ. ३५४, दादागुरु भजनावली, पृ. ३७५ ६५३९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनदत्तसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
_ 'आदि-दादाजी वीनती अवधारो... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४९,
दादागुरु भजनावली, पृ. १०२ ६५४०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनदत्तसूरिगीत अजमेर मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१६८८, आदि-पूजिजि...... गा. ४ अपूर्ण', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ६२७ ६५४१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनदत्तसूरि जिनकुशलसूरि गीत मुलतान मण्डन,
___. गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'गा. ५ अपूर्ण', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ६२६ ६५४२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिन प्रतिमा पूजा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि-प्रतिमा पूजा भगवंति भाखी रे... गा. ९', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, . पृ. २२० ६५४३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनराजसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
..'आदि-तूं तूठउ द्यइ सम्पदा पूज जी... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०४ ६५४४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनराजसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
_ 'आदि-भट्टारक तुझ भाग नमो... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०३ ६५४५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनराजसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-भट्टारक तेरी बड़ी ठकुराई... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०४
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