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________________ ५४७८. भुवनकीर्त्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, पार्श्वनाथ दस भव गर्भित स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, 'अपूर्ण', अ., ह. कांतिसागरजी संग्रह ५४७९. भुवनकीर्त्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, पुण्डरीक गणधर गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-श्री पुण्डरीक महामुनि पामी प्रभु आदेस... गा. ७', अ., ह. कांतिसागरजी संग्रह ५४८०. भुवनकीर्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, फलवर्द्धिमण्डन पार्श्वनाथ, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि–पणमउ री साहब सरब संत... गा. ४०', अ., ह. कांतिसागरजी संग्रह ५४८१. भुवनकीर्त्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, बाहुबली सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं, आदि कहै एम तक्षशिला धणी... गा. ९', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३ ५४८२. भुवनकीर्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, महावीर स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, आदि-मो मन वीर सुहावै... गा.३', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३१२२५ (६२) ५४८३. भुवनकीर्त्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, वयरकुमार महामुनि सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-कहै सुनंदा बांह पसारि आवी रे... गा. ९', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३ ५४८५. भुवनकीर्त्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, शान्तिजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-भाव भगति करी भेटियइ रे लाल... गा. २१', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३, कांतिसागरजी संग्रह ५४८६. भुवनकीर्त्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, षोडश राग गर्भित स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. कांतिसागरजी संग्रह ५४८७. भुवनकीर्ति उ० / ज्ञानमन्दिर उ०, संभवनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि पूजउ माइ संभवनाथ... गा. ३', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३, कांतिसागरजी संग्रह ५४८८. मंजुलाश्री / विचक्षणश्री, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, गुजराती, २१वीं, 'आदि-गुरु दर्शन थी... गा. ५', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ८४ ५४८९. मंजुलाश्री / विचक्षणश्री, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, गुजराती, २१वीं, 'आदि-धर्म नो डंको... गा. ५', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ८४ ५४९०. मंजुलाश्री / विचक्षणश्री, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन, गुजराती, २१वीं, 'आदि-तारी मूर्ति मैं... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १२८ ५४९१. मगन, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-आसा सफल फली... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३०२ ५४९२. मणिप्रभसागर उ० / जिनकान्तिसागरसूरि, चतुर्दादा स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २१वीं, ___ 'आदि-हम वन्दन करते... गा.७', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ४८४ ५४९३. मणिप्रभसागर उ० / जिनकान्तिसागरसूरि, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २१वीं, 'आदि-कुशल गुरु दादा... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३०३ 398 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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