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५१०८. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, आत्महित शिक्षा, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, अन्त–परम
अध्यातम जे लखे...', अ., ह. उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. ४९० ५१०९. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, कुम्भ स्थापना गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि
___ धरम उत्सवसमै जैनपद... गा. ४', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा. ५११०. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, गजसुकुमाल सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि
द्वारिकानगरी ऋद्धि समृद्ध... गा. ३८', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल,
पादरा ५१११. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, गिरनार स्तुति, स्तुति, राजस्थानी, १८वीं, आदि यादव कुलमण्डण
नेमिनाथ जगनाथ... गा. ४', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा ५११२. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, ज्ञान बहुमान नमस्कार, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
'आदि-सकल वस्तु प्रतिभासभानु निरमल... गा. ६', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान
प्रसारक मण्डल, पादरा ५११३. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ० , ढंढण ऋषि सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १८वीं, आदि-धन
धन ढंढण मुनिवर... गा. २७', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा ५११४. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, तीर्थमाला स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह.
____ अभय ग्र., बीकानेर ५११५. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, द्रुपद, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-आतमभावे रमो
____ हो चेतन... गा. ४', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा ५११६. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, द्वादशांगी सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-वीर
जिणेसर जग उपकार... गा. १४', अ., ह. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. ४८९ ५११७. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, ध्रुवपद स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, अ. ५११८. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, ध्यान चतुष्क स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह.
___आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर ५११९. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, नवानगर आदिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, . 'आदि-नवानगरमे भेटीए जिनवर जयकारी... गा. १२', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान
प्रसारक मण्डल, पादरा ५१२०. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, पंचेन्द्रिय विषयत्याग सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १८वीं,
'आदि-विषयन को परसंग चेतन... गा. ४', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान प्रसारक
मण्डल, पादरा ५१२१. देवचन्द्र उ० / दीपचन्द्र उ०, प्रभंजना सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-गिरि
वैताढ्यनइं ऊपरे...', मु., श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा
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