SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 365
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३९८७. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, वीरजिन चैत्यवन्दन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-चौवीसम जिनवर नमूं... गा. ३', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३९३ ३९८८. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, वीसस्थानक चैत्यवन्दन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, ___ 'आदि-श्री अरिहंत अन्त कान्ति... गा. ३', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३९२ ।। ३९८९. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, वीसस्थानक स्तुति, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-आदीसर अलवेसर जगपति... गा. ४', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३८३ ३९९०. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, शंखेश्वर पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, १९६९, 'आदि-जगगुरु श्री शंखेश्वर मण्डन पास जिणंदा हो... गा.९', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २५८ ३९९१. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, शांतिनाथ चैत्यवन्दन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, ___ 'आदि-सोलम जिनवर सेवियइ... गा. ५', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३९५ ३९९२. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि,शान्तिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, आदि शान्ति जिणंदने सेवो रे मनवा... गा. ११', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २१२ ३९९३. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि,शान्तिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, १९७९, आदि सुनो शिवपुर स्वामि अन्तर्जामी... गा. ५', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २१३ ३९९४: जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि,शान्तिनाथ स्तुति, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, आदि शान्ति जिनराया सर्वजीव सुखदाया... गा. ४', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३८७ ३९९५. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, सकल तीर्थ स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, १९६५, 'आदि-श्री सिद्धाचल भेटोरे... गा. ११', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २६२ ३९९६. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, सम्भवजिन स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-श्री संभवजिनराया... गा. ५', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २१० ३९९७. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, सिद्धाचल चैत्यवन्दन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-सिद्धाचल सेवू सदा... गा. ४', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३९३ ३९९८. जिनंकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, सिद्धाचल स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, आदि __ यात्रीड़ा भाइ श्रीसिद्धाचल भेट्यो... गा. १५', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २५१ ३९९९. जिनगुणप्रभसूरि / जिनमेरुसूरि बेगड़, अरिहन्त स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, - 'आदि-अरहन्त ना गुण पय सही... गा. ११.', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं.४१७ ४०००. जिनगुणप्रभसूरि / जिनमेरुसूरि बेगड़, आदिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि पूजवा कारण आव्या... गा. १२', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१५ ४००१. जिनगुणप्रभसूरि / जिनमेरुसूरि बेगड़, आदिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि नमियइ नाभ मल्हार... गा. २२', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१६ खरतरगच्छ साहित्य कोश । 295 Jain Education International For Personal & Private Use Only wwww.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy