________________
२९८९. सुप्रतिष्ठ चौपई, अमरविजयगणि / उदयतिलक उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७९४ मरोट, 'अन्त - श्रीखरतर गच्छनी परंपरा... ११', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं.,
जयपुर
२९९०. सुबाहु सन्धि, पुण्यसागरोपाध्याय / जिनहंससूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १६०४ जैसलमेर, 'आदि-आदिकरण आदीसरु..., अन्त-संवत सोलचिडोत्तर...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, सेठिया लाइब्रेरी, बीकानेर, खरतरगच्छ ज्ञान भं, जयपुर, विनय प्रतिलिपि, क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर, रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २६५३२
२९९१. सुभद्रा चौपई, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ९६०
२९९२. सुभद्रा चौपई, रघुपति उ० / विद्यानिधान उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८२५ तोलियासर, अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - ३, पृ. ३२८
२९९३. सुभद्रा चौपई, विद्याकीर्त्ति उ० / पुण्यतिलकगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६७५, अ., जैनशाला भं., खम्भात, अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ९५८
२९९४. सुभद्रा चौपई, हेमनन्दनोपाध्याय / रत्नसारगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६४५, अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर
२९९५. सुभाषित काव्य, लोकहिताचार्य / जिनचन्द्रसूरि, काव्य, संस्कृत, १५बीं, 'आदि-भो भव्याः सुजनप्रिया वयमृमी..., अन्त-लोकैस्त्रिसन्ध्यमहितो भुवि सर्वदर्शी...', मु., विज्ञप्तिलेख संग्रह, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, बम्बई
२९९६. सुमङ्गल रास, अमरविजयगणि / उदयतिलक उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७७१, अ., जयचन्दजी संग्रह, बीकानेर
२९९७. सुमतिनागिला सम्बन्ध चौपई, धर्ममन्दिर वा / दयाकुशलगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७३९ बीकानेर, अ.
२९९८. सुमित्रकुमार रास, धर्मसमुद्रगणि / विवेकसिंह पिप्पलक, रास चौपई, राजस्थानी, १५६७ जालौर, 'आदि-पणमिसु मण तण वय करी..., अन्त- सुविहित खरतरगच्छ विराजई...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - १, पृ. ११७
२९९९. सुमित्रचरित्र, हर्षकुञ्जरोपाध्याय / जयकीर्त्ति उ० पिप्पलक, चरित्र, संस्कृत, १५३५ ज्यायहपुरी, 'आदि-सश्रीकः सुमनः सेच्य:..., अन्त-इत्थं श्री दानधर्म...', मु., हीरालाल हंसराज, जामनगर ३०००. सुरप्रिय चौपई, दीपचन्द्रोपाध्याय / धर्मचन्द्र उ० बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, अ., ह. जयचन्द संग्रह, बीकानेर
१७८१,
३००१. सुरप्रिय रास, जयनिधानोपाध्याय / राजचन्द्रगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६६५ मुलतान, 'आदि-सरसं मधुर अमृत जिसी..., अन्त-बाण सुर सर ससधरइ...', अ., ह. केशरियानाथ ज्ञान भं., जोधपुर
Jain Education International
खरतरगच्छ साहित्य कोश
For Personal & Private Use Only
225
www.jainelibrary.org