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________________ २६७५. शृङ्गारधनदशतकम्, धनराज मन्त्री / देहड़ सोनगिरा, काव्य, संस्कृत, १४९० मण्डपदुर्ग, ‘आदि-सिद्धार्था कनकाक्षरेण कलिता..., अन्त-किं त्वं जागरितोऽखिलामपि निशं...', मु., काव्यमाला तेरहवाँ गुच्छक २६७६. शृङ्गारशतकम्, जिनवल्लभसूरि / अभयदेवसूरि, काव्य, संस्कृत, १२वीं, 'आदि-स्वयम्भुवो वृषाहीनराजहंससमाश्रिता..., अन्त-भेदो विद्यत एव दाहकतया...' .', मु., जिनवल्लभसूरि ग्रन्थावली पृ. ९४ २६७७. शृङ्गारादिसंग्रह सोदाहरण श्लोक, सूरचन्द्रोपाध्याय / वीरकलश उ०, काव्य, संस्कृत, १७वीं, अ., ह. गायकवाड़ ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बड़ौदा २६७८. श्राद्धदिनकृत्य बालावबोध, आनन्दवल्लभगणि / रामचन्द्रगणि, विधि, राजस्थानी, १६६२ अजीमगंज, अ. २६७९. श्रावकगुणचतुष्पदिका, समयराजोपाध्याय / जिनचन्द्रसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. केशरियानाथ ज्ञान भं., जोधपुर, ज्ञान भं., पाटण २६८०. श्रावकधर्मविधि प्रकरण, जिनेश्वरसूरि / जिनपतिसूरि, विधि, संस्कृत, १३१३ पालणपुर, 'आदि-भेजुर्यस्यांघ्रियुग्मं पथि मथितरिपोः:.., अन्त - इत्थंसूरिजिनेश्वरैर्जिनपति...', मु., सिरि पयरणसंदोह, प्रकाशक - ऋषभदेव केसरीमल जैन श्वेतांबर संस्था, रतलाम २६८१. श्रावकधर्मविधि प्रकरण बृहद्वृत्ति, लक्ष्मीतिलकोपाध्याय / जिनेश्वरसूरि द्वि., विधि, संस्कृत, १३१७ जालौर, 'आदि-शंखोदायिसुपार्श्वसत्यकिदृढायु...', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, नेमिसूरि ज्ञान भं., खम्भात में सचित्र प्रति हैं २६८२. श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र बालावबोध, मेरुसुन्दरोपाध्याय / रत्नमूर्त्ति उ०, आगम, राजस्थानी, १६वीं, अ., ह. महरचन्द- बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर २६८३. श्रावकमुखवस्त्रिकाकुलक, वर्द्धमानसूरि / उद्योतनसूरि, प्रकरण, प्राकृत, ११वीं, अ., ह. हंसविजय संग्रह, बड़ौदा, अभय ग्र., बीकानेर २६८४. श्रावकविधि चौपई, क्षेमकुशल / क्षेमराजगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १५४६, ‘अन्त–जोई आगम अरथविचार... गा. ७९', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, खतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर २६८५. श्रावकविधि चौपई, मेरुनन्दनोपाध्याय / जिनोदयसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १५वीं, ' अन्त- जो पढइ जो गुणइ जो सुणइ जिण हरे...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर २६८६. श्रावकविधि चौपई, क्षेमराजोपाध्याय / सोमध्वजगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १५४६, 'अन्त - पनरहसइ छईताला वर्षि...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर, खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर २६८७. श्रावकविधि दिनचर्या, जिनचन्द्रसूरि / जिनेश्वरसूरि, विधि, प्राकृत, १२वीं, अ. 202 Jain Education International खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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