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________________ २५६६. शत्रुञ्जय नमस्कारगर्भित अष्टोत्तरशतक्षमाश्रमण पद्य, लब्धिमुनि उ० / राजममुनि, स्तोत्र, संस्कृत, २०वीं-२१वीं, आदि-प्रणम्यादिजिनं भक्त्या ... गा. १०९', मु., लब्धि कृतिसन्दोह, पृ.७७-८८, जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई २५६७. शत्रुञ्जय नमस्कारगर्भित एकविंशति क्षमाश्रमण पद्य, लब्धिमुनि उ० / राजममुनि, स्तोत्र, संस्कृत, २०वीं-२१वीं, आदि-बाह्याभ्यन्तरशत्रूणां... गा. २४', मु., लब्धि कृतिसन्दोह, पृ.८८ ९१, जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई २५६८. शत्रुञ्जय महात्म्य रास, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७५५ पाटण, 'आदि-विश्वनाथ चरणे नमुं..., अन्त–संवत सत्तरेसे पंचावने...', मु., आनन्द काव्य महोदधि भाग-४, ह. क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा, बालचन्द्र संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ २३३, ६८६ २५६९. शत्रुञ्जय महात्म्य रास, सहजकीर्त्तिगणि / हेमनन्दन उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६८४ आसनीकोट, 'आदि-श्रीखरतरगच्छ सूरि जिणेसर...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २५७०. शत्रुञ्जय यात्रा रास, कुशललाभ उ० / अभयधर्म उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर २५७१. शत्रुञ्जय यात्रा रास, विनयमेरुगणि / हेमधर्मगणि, ऐतिहासिक रास चौपई, राजस्थानी, १६७९ जैसलमेर, 'आदि-सेव॒ज्य तीरथ धणी..., अन्त–सोलहसइ उणासीयइ ए...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २५७२. शत्रुञ्जय यात्री संघ चैत्य परिपाटी, गुणरङ्ग उ० / प्रमोदमाणिक्य उ०, चैत्य परिपाटी, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-पढम जिण पमुह चौवीस..., अन्त–इणि परि हे चेत पवाड़ी भवियण... गा. २७', अ., ह. पूरनचन्द नाहर संग्रह, कलकत्ता । २५७३. शत्रुञ्जय रास, जिनसमुद्रसूरि ( महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, रास, राजस्थानी, १७२३, 'आदि-आवौ मिलौ सहेलियाँ..., अन्त–इम सिद्ध गिरिवर सचल दुखहर... गा. ६३', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २५७४. शत्रुञ्जय रास, पूर्णप्रभगणि / शान्तिकुशलगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७९०, 'आदि आदिकरण अरहंतजी..., अन्त-शेव्रुज जात्र सफली करौरै...', अ., अनन्तनाथ ज्ञान भं., बम्बई २५७५. शत्रुञ्जय रास, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६८२ नागौर, 'आदि-श्री रिसहेसर पाय नमी..., अन्त-शत्रुञ्जय महातम सांभलीए...', मु., समयसुन्दर कृति कु. ५७५ २५७६. शत्रुञ्जय महात्म्य, जिनभद्रसूरि / जिनराजसूरि, कथा, संस्कृत, १५वीं, अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर २५७७. शत्रुञ्जय स्तव बालावबोध, मेरुसुन्दरोपाध्याय / रत्नमूर्ति उ०, स्तोत्र, राजस्थानी, १५१८, अ., ह. भाण्डारकर ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, पूना 194 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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