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७५०. चौवीस एकादशी प्रबन्ध, अमर / सोमसुन्दर उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७११, आदि
सेत चीर शोभती..., अन्त-रलीय रङ्ग मनखंति...', अ., ह. वर्धमान-बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ७५१. चौवीस जिन कालगर्भित स्तोत्र , जयसागरोपाध्याय / जिनराजसूरि, स्तोत्र, अपभ्रंश, १४९३,
अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर ७५२. चौवीस जिन पंचाशिका, क्षमाप्रमोदगणि / रत्नसमुद्रगणि, स्तोत्र, राजस्थानी, १९वीं, अ.,
___ ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर ७५३. चौवीस - दण्डक विचारकुलक, लक्ष्मीवल्लभोपाध्याय / लक्ष्मीकीर्त्ति उ०, प्रकरण,
प्राकृत, १८वीं, अ., ह. दिगम्बर भं., जयपुर ७५४. चौवीस - दण्डक विचार बालावबोध, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, चौवीस साहित्य,
राजस्थानी, १८वीं, 'अन्त-इम जिन वाणी जोइने...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३
पृ. १४२० ७५५. चौवीसी - अतीत जिन चौवीसी, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, चौवीसी साहित्य,
राजस्थानी, १८वीं, आदि-नामे गाजे परम आह्लाद..., अन्त-जे निज पासे हो...', मु., अध्यात्म
ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा, नोट:- २१ तीर्थंकर तक ही स्तवन प्राप्त है। ७५६. चौवीसी - ऐरवत क्षेत्रस्थ चौवीसी, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, चौवीसी
साहित्य, राजस्थानी, १६९७, अन्त–गाया गया री ऐरवरत तीर्थंकर गाया...', मु., समयसुन्दर
कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २२-२९, नोट:- प्रारम्भ के ७ गीत अप्राप्त हैं। ७५७. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, अमरचन्द बोथरा / उदयचन्द्र बोथरा, चौवीसी साहित्य,
हिन्दी, २००८, 'आदि-कहाँ मैं अपने को पहिचाना..., अन्त–आज मैं कलश पूर्ण कर
पाया...', अ., ह. विनय. प्रतिलिपि लेखक द्वारा स्वयं लिखित ७५८. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, अमरचन्द बोथरा / उदयचन्द्र बोथरा, चौवीसी साहित्य, ___ हिन्दी, २०१८, 'आदि-ऋषभदेव मन भायो रे..., अन्त-भक्ति जल भर मङ्गल कलश...',
अ., ह. विनय. प्रतिलिपि लेखक द्वारा स्वयं लिखित ७५९. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, आनन्दघन (लाभानन्द), चौवीसी साहित्य, राजस्थानी,
१८वीं, आदि-ऋषभ जिनेश्वर प्रीतम म्हारो...', मु. ७६०. चौवीसी - आनन्दघन चौवीसी बालावबोध, ज्ञानसारोपाध्याय / रत्नराज उ०, चौवीसी
साहित्य, राजस्थानी, १८६६, अ. ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, स्वयं लि. सुमेर
भीनासर, अभय ग्र., बीकानेर ७६१. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, आनन्दवर्द्धन / महिमासागर, चौवीसी साहित्य, राजस्थानी, १७१२,
_ 'आदि-आदि जिणंद मयाकरे..., अन्त-आदित कुलगिर चंद्रमा...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ७६२. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, कीर्त्तिरत्नसूरि / जिनवर्द्धनसूरि, चौवीसी साहित्य,
राजस्थानी, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा १४९६
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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