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३७८. कल्पसूत्र लेखनप्रशस्तिः स्वर्णाक्षरी, शिवसुन्दरोपाध्याय / क्षेमराज उ०, प्रशस्ति, संस्कृत,
१६वीं, अ., ह. नाहर संग्रह, कलकत्ता ३७९. कल्पसूत्र लेखनप्रशस्ति, साधुसोमोपाध्याय / सिद्धान्तरुचि उ०, प्रशस्ति, संस्कृत, १५१७
पाटण, अ., ह. ज्ञान भं., भावनगर ३८०. कल्पसूत्र लेखनप्रशस्ति, साधुसोमोपाध्याय / सिद्धान्तरुचि उ०, प्रशस्ति, संस्कृत, १५२४
पाटण, 'आदि-श्रीवीरतीर्थंकरराजतीर्थे..., अन्त–कृतिरियं वाचनाचार्यसाधुसोमगणीनाम् संवत्
१५२४ वर्षे श्रीअणहिलपाटकनगरे..', अ., ह. तपागच्छ ज्ञान भं., जैसलमेर ३८१. कल्पान्तर्वाच्य, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, आगम, संस्कृत, १८वीं, अ., ह.
वृद्धिचन्द संग्रह, जैसलमेर ३८२. कल्पान्तर्वाच्य, जिनहंससूरि / जिनसमुद्रसूरि, आगम, संस्कृत, १६वीं, अ., ह. जिनभद्रसूरि
ज्ञान भं., जैसलमेर | ३८३. कल्पान्तर्वाच्य, भक्तिलाभोपाध्याय / चारुचन्द्र उ०, आगम, संस्कृत, १६वीं, 'आदि-पुत्राः
पञ्चमतिश्रुत, अन्त–पताकां गृह्णाति...', अ., ह. विनय. प्रतिलिपि, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ३८४. कल्याणकपरामर्श, बुद्धिमुनिगणि / केशरमुनिगणि, चर्चा, संस्कृत, २०वीं, 'आदि-प्रणम्य
श्रीजिनवीरं शासनाधीश्वर..., अन्त–नाम्ना मोहनलालेति...', मु. जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई ३८५. कल्याणक स्तोत्र, जिनवल्लभसूरि / अभयदेवसूरि, स्तोत्र, संस्कृत, १२वीं, 'आदि
पुरन्दरपुरस्पर्धि..., अन्त इति यः पञ्चकल्याणी... गा.८', मु. जिनवल्लभसूरि ग्रन्थावली, पृ. २२६ ३८६. कल्याणमन्दिर स्तोत्र टीका, चारित्रवर्द्धन उ० / कल्याणराज उ० लघुखरतर, स्तोत्र,
संस्कृत, १३वीं, अ., उ. हीरालाल रसिकदास कापड़िया भक्तामर स्तोत्र पादपूर्त्यादि संग्रह ३८७. कल्याणमन्दिर स्तोत्र टीका, विनयसागर उ० / सुमतिकलश उ०, स्तोत्र, संस्कृत, १६७२,
___ अ., ह. जैनभवन, कलकत्ता, चारित्र रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ३८८. कल्याणमन्दिर स्तोत्र टीका, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्तोत्र, संस्कृत, १६९५
पालनपुर, अ., ह. खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ३८९. कल्याणमन्दिर स्तोत्र बालावबोध, महिमसिंह (मानसिंह) / शिवनिधान उ०, स्तोत्र,
राजस्थानी, १६८१, अ., ह. कांतिसागर संग्रह ३९०. कल्याणमन्दिर स्तोत्र स्तबक, उदयहर्ष / हीरराजगणि, स्तोत्र, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह.
___ महिमाभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ३९१. कल्याणमन्दिर स्तोत्र पादपूर्ति, लक्ष्मीसेन उ० / लक्ष्मीवल्लभ उ०, स्तोत्र, संस्कृत, १८वीं,
'गा. ४५', अ. ३९२. कल्याणमन्दिर स्तोत्र भाषा, आनन्दवर्धन / महिमासागर, स्तोत्र, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह.
अभय ग्र., बीकानेर
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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