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विदेहदिण्ण आगम शब्दकोश
विपुल विदेहदिण्ण [विदेहदत्त] आ० चू० १५।२६ विद्धिकर[ वृद्धि कर] ठा०१०।१७०,१७०।१. सम०१०७ विदेहदिण्णा [विदेहदत्ता] आ० चू० १५।१८, २६ विद्रूण [ विवा] सू० १।५।६ विदेहपुत्त [विदेहपुत्र ] भ० ७११७३, १८२ विधार[वि.। धारय् ]--विधारए, आ० ६७० विदेहराय [विदेहराज नाया० ११३८, ६० से ६२, विधि विधि] सम०प्र०६२
८२, ८६, ८८, ६८, ६६, १०६, ११०, ११२, १२०, विधुण वि+धु]-विधुणति, ठा० ३।३५६ १२३, १२४, १२७, १३१, १३४ से १३६, १४१ से विधुर [विधुर] पण्हा० ३।१, २६ १४७, १५४, १५५, १५६, १६०, १६६ से १७३, विधणिया[विधूय] आ०८।८।२४ १७५, १७६, १७८ से १८१
विधूतकप्प [विधूतकल्प] आ० ३।६०; ६।५६ विदेहसमाल [विदेहसुकूमार] आ० चू०१५।२६ विधम विधम] सू० १।५।३५ विद्दव [विद्रव] नाया० १।६।१०
विपंची [विपञ्ची] आ०चू०११।२.पण्हा०४।४; १०।१४ विद्दायमाण[ विद्रायमाण'] आ० ६।८७
विपडिसेहेयव्व [विप्रतिषेधध्य] भ० ५।१६७ विद्द म[विद्रुम नाया० १।१।१५६
विपरक्कम [वि+परा+क्रम् ] -विपरक्कमा, आ० विद्द य[विद्रुत [ नाया० १।१।१७८ विदेस विद्वेष पण्हा ० २।११
विपरामुस [वि+परा-मृश्] ---विपरामुसह, सू० विसगरहणिज्ज [विद्वेषगहणीय ] पण्हा० २।२ २।१।१६ विद्ध [विद्ध] सू० १॥५॥३७; २।६।२६. अंत० ५।१६ विपरिक्कम [वि + परि + क्रम् ] --विपरिक्क मिस्सामि, विद्धंस [विध्वंस] भ० ११३१६;३।१४८; ६।४; १६।१२. ___ आ० चू०८।१७ _ विवा० १।१।६३
विपरिणय विपरिणत] सू०२।३।२ से १०० विद्धंस [वि+स्] -विद्धेसति, ठा० २।२२५. भ० विपरिणाम [विपरिणाम] आ० ११११३; ५।२६
६।२२.--विद्धंसति, ठा०३।१२५ – विद्ध सेइ,विवा० विपरिणाम [वि + परिणमय ] –विपरिणामेति, १२११४०. –विद्ध सेहिति, भ० ७।११७
पण्हा० ८।६ विद्धंसण [विध्वंसन] आ० ५।२६. सू० १।२।३२. सम० विपरिणामधम्म [विपरिणामधर्म ] आ० चू०४।८
प्र० ६३. भ० ६।१७०. नाया ० १।१।१०७, १०६, विपरिणमित्तए [विपरिणामयितुम् ] नाया० १।८।७५. १११; १।८।१८०; १।१८।४८, ६१. अत० ३।६६,७१, उवा० २।२८, ३४,४०,४५, ७।५३ ७६. पण्हा०३।२३
विपरियाइत्तु [विपर्यादातृ] सू० २।२।४ वद्धसण ता[विध्वंसन] भ० १।३६६
विपरियाइत्ता [विपरिदाय ] सू० २।२।४ विद्धंसणया विध्वंसन भ० ११३६६
विपरिसि? [विपरिशिष्ट] आ० २।६६,८३ विद्धंसमाण [विदध्वसान] सू० १।१५।१८
विपलाय वि-परा--अय] विपलाइत्था, विवा० विद्धंसेत्ता[विध्वस्य ] विवा० १३११४०
१।३३.-विपलायंति, पण्हा० १२६ विद्धंसेमाण [ विदध्वसान] नाया० १।१८।२२, ३२ विपलायमाण [विपलायमान] भ० ३।११२. नाया० विद्धत्थ[विध्वस्त ] आ० चू० १११००. भ०६।४,१६।५२ १।९।१० ०६।३. विवा०११११४६
विपाक [विपाक] पण्हा०३।२३
विपुल [विपुल ] आ० चू० १५।१२, १३. सू० २। १।५० ; १. आप्टे पृष्ठ १४४१ विद्राण शब्द । पाइय-सद्द महण्णव २।२।३४; २१७।३. भ० ३।३५, ३६, १०४, ११२;
में विद्दायमाण का संस्कृत रूप विद्वस्य धातु से किया १६।३३. नाया० १११२०, २६, ३०, ३२, ३३, ८१, है किन्तु यह सम्यक् प्रतीत नहीं होता।
६१, १०६, १०७, ११०, १११, १८६, २०२, २०६,
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