SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 625
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ राइ आगम शब्दकोश रामपुत्त राइ[राजन् ] आ० चू० १।४१. सू० १।२।४०;२।१।६६; १४०,१४७,१५३,१५४; १।१२।२२, २३,१११४१४३; २।२।५०. ठा० ३।५०१,५०३. भ० ११११५३.नाया० ६५; १।१६।९७, १३२, १६६, २००, २२६. विवा० ११५।६; ११८।१५७,१५८,१६०,१६१, १६६, १६८, १।१।५०,१।२।७२,११।२२, ५३,११७।१६:१।६।५७; १७२ से १७४,१८१, २२८ १११०१७,२।१।१३, ३१ राइ[राजि] ठा० ४।३५४ राओ [रात्रौ] आ० २।३, ४०; ४।११; ६७५, ७६; राइ[रात्रि] आ० ६।२।४. आ० चू० १५६. सू०१।२।१. ६।२।६, ११, १५. आ०चू० ११३२; २।३०,४५,४६, सम० १२१८; १५१५,१८१८. भ० ५।४ से १२, २२, ७१८२५.सू०१।४।३६,४८; १।१५।४५; १।१०।१८; २५, २६, २३७, २३८; ११११२० से १२५,१५।१२७. १।१३।२; १११४।१२, २।४।४ से७, १७. सम०११।१; नाया० १२११५५. अंत० ३।८८, १०१ ३३।१. नाया० १११।१५४, १५५, १८६, २०४,२०५. राइंदिय [रात्रिंदिव] आ० चू० १५।५, ८. सू० १।५।२३. पण्हा०६।२१; १०.१०. विवा० १।५।२६ ठा० ३।१२३, १८६; ७।१३; ८।१०४; ६।६२. सम० राग [राग] आ० चू १५१७२ से७६.सू०१।३।५७; ११८१८ २७१३, २६२ से ७,३११४, ५,४६।१ से ३,५४।२; १।६।१५; २।१।२२, ३१, ३८,४७.ठा०२।१६२,१६३, ५६।१; ६३।२; ६४।१;७०।१; ७१।१,८१११,८२।२; २६४,४।२८४. सम०२।३२५१,५२।१.भ०२।६६; ८३।१,१००।१. भ०१५।१७,१६७. नाया०१।१।२०, ६।४; ६।१४८, २०८; २५।२७८।१, ५७३. नाया० ७३, १६३, १८३, १२।२२; १८।३४; १।१२।१६; १११७६,१०७,१४३,१६५; १।३।३।५; १।४।२३।१; २१६४१२४ शमा७३, ७५, ७८, ७६; १९४१; १।१७।१४।४. राइंदियग्ग रात्रिन्दिवान] सम० २७।३ ; २६।२ से ७; उवा० ११५७; ७.१२. पण्डा० ११३१, २०१,१६,३।१, ३११४,५,५६।१; ८१४१. अंत० ८।२४ २३, २६; ४।२, ४, ६।२१, ६।४,७,१०।१,१०,११, राइणिय [रा निक] ठा० ४।४२८, ४२६.सम० ३३।१ १४ से १८ राइण्ण राजन्य ] ठा० ३।३४; ६।३५. सम० प्र०२२७।२. रात[रात्र] ठा० ५।१६६ ; ७।८१ भ०२।३०।६।१५८; २०१७६. उवा० ७।३७ रातिदिय[रात्रिदिव] ठा०६।४१ ; १०।१५१. भ०२१६०; राइण्णकुल [राजन्यकुल] आ० चू० ११२३ ५।२२२, २५४, २५५, २५८।१, ११।१३४, १४२, राइदेवित्त [रात्रिदेवित्व ] नाया० २।११५४ १४६; १५२१०१, १६३५, २४।१७६, १८६, २३३; राइभत्त [ रात्रिभक्त] सू० १।६।२८ ३७११. अंत० ८।२३, २४ राइभोयण रात्रिभोजन] सू० १।२।५७. ठा०७।२.सम० रातिणिय [रात्निक] आ० चू०३।५२,५३.सू० १।१४।७. २११ ठा० ४।४२६, ४२७ राइय [रात्रिक ] सू० २।२।३१. सम० ५५।४.अंत०३।८७, रातिणियपरिभासि | रात्निकपरिभाषिन सम०२०।१ राती[रात्री] ठा० ४११८१; ५।५५ राइया[रात्रिका] ठा० १०।१०३ रातीभोयण रात्रिभोजन ठा०५।१०१ राइसिरि[राजश्री]नाया० २।१।५० ठा०६।६१. सम० १०१६; १२।५; प्र० २४१, राई [रात्री] नाया०२ श्रु० १व० २१०; २।१।७,४८,५० २४११२, २४७।२,३,२५६,२५६.नाया० १११६।१८५; २।१०।६.अंत०५।१६. पण्हा० ४१५ राईभोयण [ रात्रिभोजन] ठा० ३।४७१ रामउत्त[रामपुत्र] सू० १॥३॥६२ राईसर[राजेश्वर] नाया०१।१।२४, ८१; १।८।५८,६७, रामकण्हा[रामकृष्णा] अंत ०८।२,३० , ८१०८० रामगुत्त [रामगुप्त] ठा० १०।११३।१, ११८ १. हे०, २।१४८। रामपुत्त रामपुत्र] अणु० ३।२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy