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________________ मंगल्लकारय अंगसुत्ताणि शब्दसूची मंतपय ३।१०; ४।१०; ५।१०; ६।१०, २६; ७।१५, ३५; मंडलरोग [मंडलरोग] भ० ३।२५८ ८।११; ६।१०; १०।१०. अंत० ६।३६ ; ८।१३. अणु० मंडलवाय[मण्डलवात] नाया० १।१।१५६, १६८ ३१३० मंडलि [मंडलिन् ] सू०२।२।७७.ठा०७।३४.पण्हा०२।१२ मंगल्लकारय [माङ्गल्यकारक] नाया० १।१।२०, २६, मंडलिकपव्वय [मण्डलिकपर्वत] पण्हा० ६०२ मंडलिय [माण्डलिक] ठा० ३।४८०.भ०११।१४२,१४३; मंगी [मङ्गी] ठा० ७।४५।१ १६।६०. नाया०१।१।२६. पण्हा० ४।६ मंगु[मद्गु] सू० १७।१५ मंडलियपव्वय [माण्डलिकपर्वत] सम० ८५।३ मंगुल [मङ्ग ल] ठा० ४।५४३।१ से ३ मंडलियराय [माण्डलिकराज] सम० २३।४ मंगुली [दे०] उवा० ६।२०, २१, २३, २८ मंडलियावाय मण्डलिकावात] भ० ३।२५३ मंगुस [दे०] सू०२।३।८० मंडलीय [माण्डलिक] ठा० ३।१३५. पण्हा० ५।४ मंच [मञ्च ] आ० चू० ११८७; २।१८; ५।३८; ६।४१; मंडव [माण्डव ] ठा० ७।३०, ३६. पण्हा० १।१४, १८; ७।१३; १०११३. नाया० १।१।७६, १५८ ८६; १०.१५ मंचाइमंच [मञ्चातिमञ्च] नाया० १।१६।१५५ मंडावणधाई [मंडनधात्री] आ० चू० १५।१४. नाया० मंचाउत्त[मञ्चागुप्त ] ठा० ३।१२५; ५।२०६; ७६०. १।१६।३६ ___ भ० ६।१२६ से १३१ मंडिअपुत्त [मंडितपुत्र] भ०३।१३४से १४०,१४२,१४३, मंजरि[मञ्जरि] भ० १५० १४५ से १५१ मंजिट माञ्जिष्ठा भ०१२।१२३ मंडिकुच्छि [मण्डिकुक्षि] भ०१५।१०१ मंजिटुदोणी [माजिष्ठद्रोणी] भ० ८।२५५ मंडिय [मण्डित | आ० च० ११११६; १२११३. सम० मंजिट्टिया [माजिष्ठिकी] भ० १८।१०६ ११।४. भ० २।११२, ११३; ११।१३८; १५२१०१. मंजु [मञ्जु] भ०६।२६० नाया० ११०२५, ३३, ७६; १९१३; १।१६।१८५. मंजल [मञ्जल] सू०१।४।७.सम०प्र०२४१.भ०६।१७३; अंत० ११८. पण्हा० ४१४; ५॥१, १० ११११३३. नाया० १।२।१२.अंस० ३।४३. पण्हा०४।५; मंडियपत्त मण्डितपत्र] सम०३०१२;८३।३.भ.१८१५६ १०।१४. विवा० ११७।१६ मंडुक्क मण्डका ठा०४१५१४.सम० १६१।२.भ०८1८७, मंजूसा [मञ्जूषा] ठा० २।३४१; ८७३; ६।२२।११. नाया०१।१।१०।२१ श्रु० १३१० ____नाया० १।१।१२७; ११७।३१ मंडुक्किया [मण्डू किका] उवा० १।२६ मंड[मंड] उवा० १।२६; २०१३ मंडय [ मण्डूक ] नाया० १॥५॥४२, ८७, ६२ से ६८,१०६ मंडणधाई [मण्डनधात्री] नाया० १।१।८२ से ११५, ११७, ११८, १२४ मंडल [मण्डल] ठा०१०।१६८,१६६.सम०२०१७;३१।३; मंत [मन्त्र] आ० ० २।५५; ७।२०. सू० श६।४. ठा० ३३।४; ४७।१,६०११;७१।१; ७८।३; ८२।१८८७, ५।१६४।६।२७।१.भ० २।९५; १८१४०. नाया०११११४, ८; ६३३६८१५, ६. भ० ३।३६, ३८,१०४. नाया० १६; १।२।१०; ११५५५,६०,६०; ११७।६,४२.उवा० १११११७४ से १७६, १८४,१८५; १।१०।२,४.पण्हा० १।१३, ५७, ५६. पण्हा० २०१२; ४।६; ६७; ७।१०, ११. विवा० १६११५०; १।२१७२; १।१०७ मंडलगति [ मण्डलगति] पण्हा०५।३ त्रय]-मंतेति, आ० चू० २०५५ मंडलग्ग[मण्डलाग्र] नाया० १।९।४३. पाहा० ३।५ मंतगय [मन्त्रगत] सम० ७२१७ मंडलतल [मण्डलतल नाया०१।६।२०।४.पण्हा०१०।११ मंतजोग[मन्त्रयोग] नाया०१।१४।४३; १।१६।६७ मंडलबंध [मण्डलबन्ध ] ठा० ७।६६ मंतपय [मन्त्रपद] सू० १।१४।२० ३१५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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