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________________ नत्थी अंगसुत्ताणि शब्दसूची नयर नत्था' [दे०] नासारज्जु,भ० ६।१४१. नाया० १।३।१०. १०५।१७; १।६।२६; १।१४१८५; २।१।४. अंत० ३।६१ उवा० ११४७; ७१३३ नमंसित्तए [नमस्यितुम् ] नाया० २।१।१२. उवा०११४५ नथिकवादि [नास्तिकवादिन् ] पण्हा० २।४, ५ नमंसित्ता [नमस्यित्वा] अंत०१।११७.उवा०२।४३. नत्थित्त [नास्तित्व] भ० १।१३३ से १३८ ___ अंत०१।२३. अणु० १।१०. विवा० १११।४ नत्थिभाव [नास्तिभाव भ० ७।२१७ नमंसिय [नमस्कृत्य ] पण्हा० ६।३।३ नद [नद] सम० ३०।१।१३ नमिपव्वज्जा [नमिप्रव्रज्या] सम०३६।१ नद [नद]-नदइ, भ० ३।११२ नमिय [नमित] पहा० ४।८ नदंत [नदत् ] सम० ३०।१।३ नमो नमस् ] भ० १११ नदी [नदी] ठा० २।३६०. भ०८।३५६.नाया०१।१।६७, नमोत्यु [नमोस्तु] नाया०१।१।२०६;१।८।७३;१।१३।४२. १५८. पण्हा० १०।१५ ____ अंत० ६।४१ नदुल्लग [ दे०, नृत्य] नाया० १।३।२७ से २६ नम्मदय [नर्मोदय] भ० ७।२१२; १८।१३४ नपुंसकवेद [नपुंसकवेद] सम० २१।२; २६।२; प्र० १, नय [नी] – नयई, सम० ३०।१।१३।। २०६ से २१२. भ० १११२६; १६।१०५; २०१५८; नय [नय] भ० २।२४, ६५; ६।१३७, १८६; १५।१५, ३५।१०; ४०।३ ४५; १८।१०७, १०८,११०, २१४,२१६, २१८.नाया० नपंसग [नांसक] भ० ८।३१०. विवा० १।२।६६ से ७३ १४. विवा० २४१६; ११६।३ नपुंसगपच्छाकड [नपुंसकपश्चात्कृत] भ०८।३०५,३११ नयण [नयन] भ० ६।१६५ से १६८, २०६; ११।११२, नपुंसगवेद [नपंसकवेद] पण्हा० ४।१, १५ १३३, १७२; १२।१२८; १५६३. नाया० ११११२४, नपुंसगवेदग [नपुंसकवेदक] भ०६।५२, ६३; ८।१८१ : ३४, ५६; ११२।११, ३३; ११८७२, ७३, ७५, ७८, १३।३, ५, २७; १८।१८, ३४;२४।२२, १२१,१६७, ७६; १।६।२०, ४१; १।१७३६॥३, १२.पण्हा०१।११, २१०, २४१, २६३; २५२८७, २८६; २६।११,१७; २६; ३।१७; ४१७, ८,७।१७ से २१; ६६; १०।१५, ३५।१०; ४०।३, ६ १८. विवा० ११२।७, २४, २६ । नपुंसगवेदय [नपुंसकवेदक] भ०६।४२; ११।२५ नयणविस [नयनविष] उवा० २।३४ नपुंसय [नपुंसक] भ० ६।३५, ३६ नयप्पहाण [नयप्रधान] उवा० ११३ नभ [नभस् ] भ० २०१६ नयर [नगर] भ०१।४; २।१,११०,११२,११३; ३।११२, नम [नमस् ] नाया० १।१।२०६ २३३७।६७, ८।२७१६।१३७, १५६, १५८, १५६, नमंस [नमस्य ] -नमंसइ, नाया०१।११७.उवा० २।४३. १६२,२०८,२०६।१०।४२, ६४,१११७६,१४६,१६४; अंत०१।२३. अणु०१।१०.विवा० १।१।४. -नमसंति, १३।१२०,१४।१०७.नाया०१।१।१२,१४,३३,५६,६७, नाया० १११११४५. अंत० ३।२२. – नमसामि, नाया० ६६,६४,९५,६७,६६,१०२,१८८,१६६, २०३;११२।२, १२।७१. अंत० ३।६८. -नमंसामो, अंत० ३।३०. ३, ७, ११,१४,१७, ५६,६६; ११५९७, १०८:११७।२, विवा० ११११२१ ३, ६,४१, ११८।४३, ४५, ५१, ५४, ११४, १३१, नमंसणिज्ज [नमनीय] नाया० १।२।७६; १।३।३४; १३८; १।१०।२; १११११२; १।१३।२, ७, २६,३६ १।४।२२; १॥५॥१२६; १।१६।४७ १११४१२, १८, ४० से ४२,८४; १।१६।१२०, १२३, नमंसमाण [नमस्यत्] भ० २८४; ६।१४६; ११।२५, १३२, १३४,१४१ से १४५,१४७, १५१, १६१, १६६, १९५; १२।३६. नाया० १।११७, ६६,२०४; १।२।१५; १७० से १७२,१७५, १७६, २००, २०३ से२०५,२०८, २१३, २१६, २२०, २३३, २४०, २४१, २७२, २६२, १. राजस्थानी में इसे नाथ कहा जाता है। ३०१, ३२१, ३२३; १११७४२, ४,१६, १८, २९%3 ४०३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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