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________________ दुद्वेणिसेज्जा आगम शब्दकोश दुब्बल दुरिणसेज्जा [दुष्टनिषद्या] पण्हा० १०।१८ दुप्पउत्त [दुष्प्रयुक्त ठा १०६३।१ दुट्टवायि [दुष्टवादिन् ] पण्हा० २।३ दुप्पउलिओसहिभक्खणया [दुष्पक्वौषधिभक्षण, दुट्ट [दुष्ठु ] नाया०१।१६।६८ - दुष्प्रज्वलितौषधिभक्षण] उवा० १।३८ दुणिक्खित्त [दनिक्षिप्त] आ० चू० २।४६ दुप्पच्चक्खाय [दुष्प्रत्याख्यात] सू० २।७।१० दुण्णिबोह [दुनिबोध] सू० १।१५।२५ दुप्पच्चक्खाविय [दुष्प्रत्याख्यापित] सू० २।७।१० दुण्णिय [दुर्नीत ] सू० ११७।४ दुप्पडिक्कंत [दुष्प्रतिक्रान्त] विवा० १।१।४१, ४२, दुण्णिसण्ण [दुनिषण्ण ] ठा० ५।१०३ ६६; १।२।१५,१६,६५,१।३।१५,१६,६४; ११४१३१; दुत [ द्रुत] ठा० ७४८॥५,११,१२ शश२८; ११६।३६, १७१११, १२, ३७, १८१८, दुतितिक्ख [दुस्तितिक्ष] ठा० ५।३२ २६; १९५८; १११०११८ दुत्तर [दुस्तर] आ० चू०१६।१०. सू० १।३।७६. नाया० दुप्पडिग्गह [दुष्प्रतिग्रह] सम० ८८।२; प्र० ११० ११११११२, ११३. अंत० ३।७२, ७३ दुप्पडिताणंद [दुष्प्रत्यानन्द ] ठा० ४।४५७ दत्तितिक्ख [दुस्तितिक्ष] आ० ६.१६ दुप्पडियाणंद [दुष्प्रत्यानन्द ] सू० २।२।५८; २।७।२२. दुदिट्ठ [दुर्दृष्ट] आ० ४।२२ विवा० ११११४७; १।२।२१, ३६; १।३।१६; १।४।१५, दहत [दन्तिा नाया०१५।६१११६१३२.अंत०१११४ ३ ६ ११६।११:०८।४,१०,१८ दुइंतत्तण [दुर्दान्तत्व] नाया० १।१७।३६ २,४,६,८,१० दुप्पडियार [दुष्प्रतिकार] ठा० ३।८७ दुट्टि [दुष्ट] पण्हा० २।११; ७।१२ . दुप्पडिलेहिय [दुष्प्रतिलिखित] आ०४।२२.उवा ० १।४२ दुद्ध [दुग्ध ] नाया० १।२।१२; १।१८।३६. अंत०३।४३. दुप्पडिवूहरण [दुष्प्रतिबृहण] आ० २।१२२ पण्हा० १०।१७. विवा० १७।१६ दुप्पणिहाण [दुष्प्रणिधान] ठा० ३।६६; ४।१०६ दुद्धर [दुर्धर] ठा० ६।६४. सम० प्र०६४, २४१. पहा० दुप्पणीयतर [दुष्प्रणीततर] सू० २।७।१३ ४१५ दुप्पणोल्लिय [दुष्प्रणोद्य] सू० १।३।६ दुद्धरिस [दुर्धर्ष ] सू०२।२।६४. नाया० १॥५३५. पण्हा० दुप्पण्णवणिज्ज [दुष्प्रज्ञाप्य] आ० चू० ३।८ ६।३।३ दुप्पतर [दुष्प्रतर] सू० १।५।११ दुद्धिय [दुग्धिक] विवा० १।१७० दुप्पधरिस [दुष्प्रधर्ष] पण्हा० १०।११ दुनिसीहिया [दुनिषोधिका] पण्हा० १०।१८ दुप्पमज्जिय [दुष्प्रमाजित ] उवा०१।४२ दुन्निक्खंत [दुनिष्क्रान्त] आ० ६।८५ दप्पमज्जियचारिदिष्प्रमाजितचारिन् ] सम० २०११ दुन्निक्खित्त [दुनिक्षिप्त] आ० चू० ५।३ से ३८; ६।३६ दुप्पय [द्विपद] सम० ३४।१. नाया० १।१८।१६ - से ४१; ७।११ से १३ दुप्पयोगि [दुष्प्रयोगिन् ] पण्हा०११४ दपउत्तकायकिरिया [ दुष्प्रयुक्तकायक्रिया] ठा० २।६ दुप्परक्कंत [दुष्पराक्रान्त] आ० ५।६२. नाया० दुपओआर [द्विपदावतार] ठा० २।१ । १।१६।६२ दुपक्ख [द्विपक्ष] सू० १।१।६०; १।३।५०; १।१२।५।। दुप्पवेसतरग [दुष्प्रवेशतरक] पण्हा० ३।५ दपय [द्विपद] आ० २।६५. आ० चू० १३१४७, १५४. दप्पहंस [दष्प्रध्वंस] नाया० १।१८।१८. कि नाया० ११११६, १२९ दुफास [दुःस्पर्श ] ठा० ८।१० दुपय [द्रुपद] नाया० १।१६।१२५, २००, २०३ दुब्बद्ध [दुर्बद्ध] आ० चू० २।४६; ५।३६ से ३८; ६।३६ दुपयचउप्पयपमाणातिक्कम [द्विपद चतुष्पदप्रमाणा- से ४१; ७।११ से १३ तिक्रम] उवा० ११३६ दुब्बल [दुर्बल] सू०१।३।३७.नाया०१।१।३४, १०५,१६०, दुपस्स [दुर्दर्श] ठा० ५।३२ १८६; १।१३।२२, २३. अंत० ३६७, ६५, १०४. ३८२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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