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________________ दी अंगसुत्ताणि शब्दसूची दोहलोगसत्य ६।१६८: नाया० १।१।३४, १०५, १०६, १५६. अंत० दीवकुमारावास [द्वीपकुमारावास] सम० ७८।१ ३।६७, ६८. पण्हा० २।१७. विवा० १।२।२४, २६ दीवकुमारिद [द्वीपकुमारेन्द्र] ठा० २।३५८ दीव [द्वोप] आ०६।७२, १०५. आ.चू० १५॥३,२७,३३. दीवणिज्ज [दीपनीय] नाया० १।१।२४; १।१२।४, सू० ११६।४; १।११।२३. ठा० ११२४८, २।२६८,२७० १६, २० से २७२, २७४ से २७८, २८१, २८२, २८४, २८७, दीवय [दिव्यत् ] सू० १।२।४५ २६०, २६२, २६४, २६६ से २६८, ३००, ३०१,३०३ दीवसमुद्दोववत्ति [द्वीपसमुद्रोपपत्ति ठा० १०.११९।१ से ३०६, ३०६ से ३२१, ३२६, ३२६, ३३१, ३३३, दीवसागरपण्णत्ति [द्वीपसागरप्रज्ञप्ति] ठा० ३।१३६ ; ३४५, ३५० से ३५२, ३६० ; ३।१०५, १०७, १०८ से ४१८६ १११, ११३, ११५, ११७, ११६, १३१, ३६०, ३६१, दीवायण [द्वैपायन] सू० १।३।६३.अंत० ५।१०,१६,१६ ४४६ से ४५५, ४५७ से ४६३;४।३०४ से ३०८,३१० दीविग | नाया० ११८४२; १।१७।३६।२ से ३१७, ३१६ से ३३१, ३३६, ३३७, ३३८, ३४४, दीविच्च [ द्वैप्य ] नाया० १।११।१०।१ ४८१; ५१५० से १५५, १५७, २३० से २३३;६।२५ दीविच्चग द्वैप्यक ] नाया० १।११।२, ६, ८ से २६, ७०, ८३ से ६४;७१५० से ५८, ६१, ६२,६४, दीविय [द्वीपिक] आ० चू० ११५२; ३१५६. नाया० ११०, १११, १५०, १५१; ८।५६, ५७, ६७ से७६, हा० ११६,२०; १०।१६.विवा० ११११३६ ८१ से ८४, ८६, ६१ से ६८, १२०, १२१; ६।१८,१६, दीविया [द्वीपिका, द्वोप्या] पण्हा० १६ २०,४३ से ४८, ५२,५३, ५७,५८, ६२, ६७,१०१२५ -दीसइ, पोहा० २।८. -दीसंति, ठा० से २७, २९, ३०, ३६,१४२।१, १४३ से १४६, १६४. ५१०७. पण्हा० ११३७ सम० ११२२; 81८; १११३,१२१७; १४१८; १६२, दीह [दीर्घ] आ०५।१२७. आ००१३।३७,७४।१४।३७, ४; २३।२ से ४; २७।२; ३०।१।२०, ३४।२ से ४, ७४. सू० ११५९२।१।१६; २।२।७६, ८६ २७।२६. ४२।२; ४३।३; ६५।१; ६७।३; ६८।१,२,७६।२।१; ठा० ११६४; २।३८ से ४०, ३।२६, २७, ८८, ३६४; ७६।४; ८०७; ८२।१;६५२;प्र०६, ७६, ७६, ८२, ४।१,२४०।१५१०७, ७।२६, ६।२२।११,१०।२।१, १०, २१६ से २१८, २२० से २२२, २३४ से २३६, ८३।१, १०३. नाया० १११११३५; १८।६७. पण्हा० २३८ से २४१,२४८ से २५१,२५४,२५६, २५८.नाया० ४७, ८. विवा० ११८।१२ १।१।१२, २०, ५६, १६३, १७१, १८८; १।८।२, २७, दोह [दीर्घय] -दीहएज्जा, सू० १।१४।२३ २८, ७६, १८०,१६४से १६६, २२४, २२६; १।६।१३, दीहंगारव [दीर्घगौरव ] ठा० ६।४० २६, ३६; १।११।१०, ३; १।१३।३, ७; १।१४।८२; दोहकाल [दीर्घकाल] नाया० ११५॥३६. पण्हा० १।२३, १।१६।३२, १२०, १२३, १६१, २००, २०३, २०८, ३०; २०१५; ३३१६ २०६, २३०, २३३,२३६से २४१, २६७, २६८,२७२, दोहकालिय[ दीर्घकालिक] ठा० ३।८७, ३८८ २७६ ; १।१६।२; २।१।१०,११,१५, १६.उवा०२।४०, दोहदंत [दीर्घदन्त] सम०प्र० २५४११. अणु० ११४, १५ ४५. अंत० ५।१८. पण्हा० ४।३, ४, ५।३; ६।३।६।२. दीहदसा [दीर्घदशा] ठा० १०।११०, ११६ विवा० १२१४४३, ७०, ११२।१७, ६७, ६८,७३, ] सम० प्र० २२३३२, २५६।१ १।३।१७; १।४।१३; १।५।११; १।६।६; ११७।१३, दोहमद्ध [दीर्घाध्वन् ] नाया० १।२।६७, ७६; १।३।२४, २२ ; १८६; १६७; १।१०।५; २।१।१७ ३४; १।४।१८, २२; १।५।१२५, १२६; १।१५।११, दीव [दीप] सू० १।६।३४.सम०१०।८; प्र० ६३, १४५।२ १४, १६; १।१८।४४. पण्हा० ४।१३; ५।८ दीव [दीपय] -दीवेज्जा, ठा० ४।६२२ दोहराय [दीर्घ रात्र] आ० ५।३७. सू० १।६।२७ दीवकुमार [द्वीपकुमार] ठा० १।१४७ दीहलोगसत्थ [दीर्घलोकशस्त्र] आ० ११६७ ३७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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