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________________ छिरिया बागम शब्दकोश छेयायरिय १८८. भ०११२२४; १।१७२ छेत्तूण [छित्त्वा] भ० २५४४५६।२ छिरिया [दे०] भ० ७६६ छेद [छिद् ] - छेदेंति, सू० २।२।६७. भ० १४११०६. छिव [स्पृश्] -छिवंति, पण्हा० ७१५ –छेदेति, अंत० ५।३२.-छेदिहिति, भ० ११११८२ छिवा [दे०] नाया० १।२।३३,४५, ६७; १।१७।३३,३५. छेद [छेद] भ० २५५५६ ; ११।१२८ पण्हा० ३।१३ छेदण [छेदन] पण्हा० ८।११ छिवाडि [दे०] आ० चू० १।४, ५ छेदित्ता [छित्त्वा] सू० २।२।६७. नाया०१।२।७३.अंत० छोय [क्षु] -छीएज्ज, आ० चू० २।७५ १।२४ छीयमाण [क्षुवत् ] आ० चू० २१७५; ८।२६ छेदेत्ता [छित्त्वा] भ० २।६६. नाया० १।१।२११.उवा० छोरल [क्षीरल] पहा० ११८ ११५३. अंत० ६।५६ छीरविरालि [क्षीरविडाली] भ० २३।१ छेदोवढावण [छेदोपस्थापन] भ०२५॥४५६।२ छोरविरालिया [क्षीरविडालिका] भ० ७।६६ छेदोवढावणिय [छेदोपस्थापनिक] ठा० ५।१३६. भ० छुछुकार [छुछु+कृ] -छुछुकारंति, आ० ६।३।४ ८।१४३; २५४४५२, ४५५,४५६, ४६२,४६४,४६७, छुद्दिया [क्षुद्रिका] पण्हा० १०।१४ ४७३, ४७४, ४७६ से ४७८,४८१,४८३,४८४,४८६, छब्भ [क्षिप्]-छभइ, नाया०१।५।१३१. –छुन्भंति, ४६२ से ४६४, ४६६, ४६६, ५०२, ५१७ से ५२०,' सू० ११५॥३६ ५२४, ५२७, ५३२, ५३३,५३५, ५४०, ५४२, ५४८, छुब्भित्ता [क्षिप्त्वा] नाया० १।८।१३१ . ५५० छुभ [क्षिप्] -छुभंति, पण्हा० ११२६ . .. छेदोवढावणियकप्पठिति [छेदोपस्थापनीयकल्पछह क्षिपय] -छुहावेइ, विवा० १।६।२३ __स्थिति] ठा० ३।४८२ भ० ८।३५७, ३५६ छप्प [दे०] विवा० १।२।२४, २६, २८ छुहा क्षुधा भ० १।४६.नाया० १।१।१६०, १८४,१८५; छेय [छेदय] -छेएइ, भ० १३।१२१ १।२४५, ६७; १।१३।१५; १।१८।४७, ५१ छेय [छेक] आ० ५।१०. सू० १।१४।१. भ० ३।३८, छुहावेत्ता [क्षेपयित्वा] विवा० १।६।२३ ११२, ११।१०६, ११०; १४।३; १६॥३४, ३५. छुहावेयणिज्ज [क्षुधावेदनीय] ठा० ४।५७६ नाया० १११।२४; १।४।२१, ११।१२; १११६।१६०. छुहिय [क्षुधित] नाया० १।१४।७६ पण्हा० ३।३, ५ छूट [क्षिप्त] सू० १।५।३६. पण्हा० ३।१७ छेय [छेद] सू० १।४।२१, ४०; २।२।७८, ७६. ठा० छेइत्ता [छित्त्वा] नाया०१।१४।५४ ८।२०; ६४२; १०१७३.नाया० ११४१११, १२,१४, पत्ता । छित्त्वा] नाया० शा२६. विवा० २।१।३५ १ ५, १६, २०.उवा० ७.५० छेओवद्रावणिय [छेदोपस्थापनिक भ० २।३०४ व्यहत्ता [छेदयित्वा] सम० प्र०६५ से १७, १२८ छओवट्रावणियकप्पट्टिति [छेदोपस्थापनीयकल्प- छेयकर [छेदकर] आ० चू० १५।४५, ४६ ___स्थिति] ठा० ४।१०३ छयण [छेदन ] सू० १।४।२२. ठा० १।३४; १२१५. छज्ज [छेद्य ] सू० १।४।२२ सम०१६।४;प्र०६६.नाया० १०२।७६; १।३।३४; छेडिय [छटित पण्हा० ४१७ १।४।२२; ११५॥१२६; १।८।१८०; १।१५।१४.पण्हा० छत्त[क्षेत्र] भ० ८।२४२. पण्हा० २।१३ ११३०, ३५; १०।१८ छेत्ता [छित्त्वा] आ० २।१११. सू०२।२।४. भ० ८।२४१ छयणकर [छेदनकर] आ० चू० ४।१०, १२, १४, २१, छत्तु [छेत्तृ] आ० २।१४, १४२; ८।४०. सू० १।८।५ ६,३१,३३, ३५ छेत्तुं [छेत्तुम् ] भ० ६।१३४।१ छेयायरिय[छेकाचार्य] आ० चू०१५।२८.भ० ७।१७५, २९६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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