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________________ ரன் आगम शब्दकोश छायाँ छप्पण्ण [दे०, षट्प्राज्ञक] नाया० १११६ छविप्पव [छविपर्वन्] ठा० २।२५७ छप्पण्णय [षट्पञ्चाशत् ] भ० ८।१८७ छवीय | छविमती] आ० चू० ४।३३ छप्पदी [षट्पदी] भ०.१५१६० छव्विह [षड्विध] ठा० २।३२०,३३०, ३३२, ३४८; छप्पन्न [षट्पञ्चाशत् ] भ० ६।१. नाया० १।१६।१३२ ६।८, ११, १२, १५ से २४, ३०, ३१, ३४ से ३६,४४ छप्पय [षड्पद] नाया० १।१।३३; १।१३।१७ से ४६, ६१ से ६६, ८१, ८२, ६८, ६६,१०३, १०६ छब्ब [दे०] पान, आ० चू० १।१०४ से १११, ११६, ११७, १२४, १२५. सम० ६।३, ४, छब्भंग [षड्भङ्ग] भ० ६१६३ ६; प्र० १७६, १७७, १८६, १६२, १६४, १६६, छन्भामरी [षटभ्रामरी] नाया० १।१७।२२ २०५, २०७. भ० ६।१३५, १५१, १६२, ७।६७; छमासिय [षाण्मासिक] आ० चू० १।२१ ८।३२५ से ३२७; १०७; ११११०१, १४१८०; छम्मास [षण्मास] अंत० ६।५६ ; ८।२१, २२, ३० . .. १६।१११; १७:१६; १९६०, ६५, १०५; २४।५६, छम्मासभत्तिय [षण्मासभक्तिक] पण्हा० ६॥६ ६०; २५।१०६, २७५, ३६२, ३६६, ४००, ५१५, छम्मासिय [षाण्मासिक] सू० २।२।६६. सम० १२।१. ५८०, ४०।२. पण्हा० ४।५, ६६ भ० २१६०; २५।५६० छन्वीस [षड्विंशति] सम० २६।१. विवा० १।१७० छम्मासिया [षाण्मासिकी] नाया० १।१।१६८ . छव्वीसइम [षड्विंशतितम] भ० २।६२. नाया० छरु [त्सरु] पण्हा० ४१७ १।१।२००. अंत० ८।८,३१ छरुप्पगय [त्सरुप्रगत] मम० ७२।७. पहा० ५।५ ।। छहा [षड्धा ] भ० १२।७३ से ७७ छरुप्पवाय [त्सरुप्रवाद] नाया० १११८५ छाइय[छादित नाया० १।२।४ छरह [त्सरुक] नाया० १११६।१६३ छाउमत्थिय [छानस्थिक] सम० ६।५. भ० २।७४; छलंस [षडस्र] सू०२।१।१६.ठा०८।४३.भ०६।६०, ६०१ १३।१६८ छलसीइ [षडशीति] सम० ८६।१ छागलिय [छागलिय] विवा० १।४।१५ से १७, १६ छलसीय [षडशीति भ० २।११८ छाण [दे०] नाया० ११७।२६ छलायतरण [षडायतन] सू० १।१२।५ छाय [शाव] भ० १८।१५६ छलिय [छलित] नाया० १।६।४४११ छाय [छादय् ] - छाए, सू० १।१०।१५. -छाएइ, सू० छलुय [षडुलूक ] ठा०७।१४१ २।१।१३. - छादए, सू० १११४।१६. -छादएज्जा, छल्लिक्खाय [छल्लीखाद] ठा० ४१५६ सू०१।१०।१५. -छायए, सम० ३०।११७ छल्लिया [छल्लिका] अणु० ३।५० छायंधकार [छायान्धकार] पण्हा० ३।५ । छल्ली | दे०] नाया० १।१३।३०,१।१४।४३,१।१६।६७. छायंसि [छायावत् ] सम०प्र० २४१ .. अणु० ३।३१. विवा० १।११५५ ] आ०चू०२।४१,४२, ४४.भ०११।१४५. छवि [छवि] ठा०४१७४. भ०७।११६. नाया० १।४।११, नाया०१।११७२. पण्हा० ८18 १२, १४,१५, १६,२०. पण्हा०११३०२।१६, ३१६; छायत्त [छायत्व] नाया० १२१५४१३ छाया [छाया] आ० ६।४।३. आ० चू० १५।२६, ३८.सू० छविकर [छविकर] ठा०७।१३२, १३४. भ० २५५५६० २।११५२, २।२।३६, ६६, ७३.ठा० २।३६१; ४१३३८) छविच्छेद [छविच्छेद] ठा० ५।७३, ७४; ७१६६. भ० ८।१०. सम० २४।४; २७।६; ३६।४; ३७।५,४०।६; ५७७, ८२२३, ११११११, ११२, १५।६६,६८, प्र० १५०,२२४१४.भ० ११२७५,२।११८,१४।१३४; ११८, ११६१८।१४६. उवा० ११३२ १५।१०२,१०४,१०७,१११.नाया०१।३।३।११।२२, छविच्छेय [छविच्छेद] भ०१४।११४, ११६. पण्हा०१।३ . २३; १।१०।२, ४; १।१५।११ से १३, १५. उवा० २९४ ४७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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