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विवा०-विवागसूयं
णमोकार महामंत्र वाच०-वाचस्पत्यम्
पं० श्वे.-पंचसंग्रह ( श्वेताम्बर) बिशु०-विशुद्धिमग्ग
कम्म-कर्म प्रकृति विशेभा०-विशेषाबश्यक भाष्य-कोटयाचार्य जैनसिदी०-जैन सिद्धान्त दीपिका टीका
योग बिन्दु०-योग बिन्दु शब्द-~-शब्दकल्पद्रुम ५ भाग
वीरवर्धच०-वीर वर्धमान चरितम् राय०-रायपसेणियं
अभिधान चिन्तामणि संस्कृत कोश एकी०-एकीभावस्तोत्र
त्रिशलाका-त्रिशष्ठि शलाका पुरुषचरितम् झीणी.-झीणीचर्चा
दर्शनसार मिथ्या०-मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक पुदको० १-पुद्गल कोश भाग १ विकास
पुदको० २-पुद्गल कोश भाग २ ध्या०-ध्यान कोश
विष.-विषपाहार स्तोत्र क्रिया०—क्रियाकोश
वर्धको०--वर्धमान जीवन कोश वधo--वर्धमान जीवन कोश, भाग १
भाग २, ३ सूत्रचू०-सूत्रकृतांग चूणि
लेको०-लेश्या कोश पउम०-पउमचरिय
लेश्याको०-संयुक्त लेश्या कोश कप्र.-करण प्रवचन सारोद्वार
(दिगम्बर सोर्स ) योगश०-योगशलक
वड्ढच०-वड्ढमाण चरिउ योगसा०-योगसार
अयोग-अयोग षट्त्रिंशिका वव०-ववहारो
कसापा-कसायपाहुडं सम०-समवाओ
-न्यायावतार सूय०--सूयगडो
अणुओ० हारि०-अनुयोगद्वार हारिभद्रीय सूर०-सूरपण्णत्ती हेम-सिद्धहेम शब्दानुशासनम्
-ज्ञानसार सिद्ध ० -सिद्धहेम शब्दानुशासनम्
--समयसार योगस०-योग समुच्चय
जि० चू०-जिनदास चूणि षट्०-षटखंडागम
भक्तामर स्तोत्र वीरजि०-वीरजिणिदचरिउ
उपदेश सप्तति धर्मो०-धर्मोपदेशमाला
प्रशमरति प्रकरण वृ० ह. (वृह)-बृहद्हारिभद्रीय टीका मूला०-मूलाचार
टीका
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