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विद्वानों व अन्वेषकों के लिए तीर्थङ्कर भगवान महावीर के इस भाँति के वर्गीकृत कोष ग्रन्थों की उपादेयता के विषय में कोई दो मत नहीं हो सकता। परिश्रम साध्य व समय सापेक्ष इस कार्य को इतने सुचारु रूप से संपादन करने के लिए हम विद्वान पण्डित श्रीचन्द चोरड़िया का आन्तरिक भाव से अभिनन्दन करते हैं। साथ ही जैन दर्शन समिति और उनके कार्यकर्ताओं को भी इसके प्रकाशन के लिए धन्यवाद देते हैं। मुनिश्री जसकरण, सुजान, बोरावड़ ( सुजानगढ़ वाले )
ता. ९-५-८७ वर्धमान जीवन कोश (द्वितीय खण्ड ) में भगवान महावीर के जीवन सम्बन्धित अनेक भवों की विचित्र एवं महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह कार्य अति उत्तम एवं प्रशंसनीय है।
इसके लेखक मोहनलालजी बांठिया तथा श्रीचन्दजी चोरड़िया के श्रम का ही सुफल है। यह ग्रन्थ इतना सुन्दर एवं सुरम्य बन सका है। शोधकर्ताओं के लिए यह ग्रन्थ काफी उपयोगी होगा-ऐसा विश्वास है। रिसर्च करने वालों को भगवान् वर्धमान के सम्बन्ध में सारी सामग्री इस ग्रन्थ में उपलब्ध हो सकेगी।
वर्धमान जीवन कोश (द्वितीय खण्ड )-संपादक मोहनलाल बांठिया, श्रीचन्द चोरडिया, प्रकाशक जैन दर्शन समिति, १६/सी, डोवर लेन, कलकत्ता-७०० ०२९ पृष्ठ ४६ + ३४४ = ३९• मूल्य ६५) रुपये।
प्रस्तुत ग्रन्थ उपलब्ध जैन वाङ्मय से भगवान महावीर की जीवनी से सम्बन्धित मूल पाठ एवं अनुवाद प्रकाशित कर शोधार्थियों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण सामग्री का यह दूसरा भाग है। ऐसे ग्रंथों के संपादन में बहुश्रुतत्व और धैर्यपूर्वक सम्पन्न करने में विद्वान् संपादक अवश्य ही सफल हुए हैं।
--कुशल निर्देश मार्च १९९२ वर्धमान जीवनकोश तृतीय खण्ड पर प्राप्त समीक्षा
वर्धमान जीवन कोश, तृतीय खण्ड । -संपादक मोहनलाल बांठिया, श्रीचंद चोरड़िया, १६/सी, डोवर लेन, कलकत्ता-७०. ०२९ । पृष्ठ ८० + ४४८ । मूल्य ७५) रुपये।
यह सब आपके परिश्रम का परिणाम है। हर पुस्तक का अलग-अलग विवरण दिया है। मैं आपको धन्यवाद देता हूँ।
-जबरमल भंडारी, जोधपुर प्रस्तुत ग्रन्थ जैनागमों व ग्रन्थों के मंथन द्वारा संकलित भगवान महावीर के जीवन सामग्री को सानुवाद संग्रह करने का भगीरथ प्रयत्न है। जैन धर्म से सम्बन्धित शोध करने वालों के लिए यह बहुत ही सहायक और वर्षों से निष्ठापूर्वक किये गये परिश्रम का सुखद परिणाम है। संपादक महोदय ने कृत पूर्व दो खण्डों में एतद् विषयक सामग्री
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