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वैक्रियि कमिश्रकाययोगियों में अपने पदों का नाना व एक जीव की अपेक्षा अन्तर नहीं है। वैक्रियिकमिश्रकाययोगियों में अपने पदों का अन्तर नाना जीवों की अपेक्षा जघन्य से एक समय और उत्कर्ष से बारह मुहूर्त प्रमाण होता है। एक जीव की अपेक्षा अन्तर नहीं होता। आहारककाययोगी और आहारकमिश्रकाययोगियों में अपने-अपने पदों का अन्तर नाना जीवों की अपेक्षा जघन्य से एक समय और उत्कर्ष से वर्ष पृथक्त्व कालप्रमाण होता है। एक जीव की अपेक्षा अन्तर नहीं होता।
कार्मणकाययोगियों में औदारिकशरीर की परिशातनकृति का अन्तर नाना जीवों की अपेक्षा जघन्य से एक समय और उत्कर्ष से वर्ष पृथक्त्व कालप्रमाण होता है। एक जीव की अपेक्षा अन्तर नहीं होता। तेजस व कार्मणशरीर के एक पद ( संघातनपरिशातनकृति ) का अन्तर नहीं होता है ।
•०९ भावानुगमसे करणकृति की अपेक्षा योग
पंचमणजोगि-पंचवचिजोगीसु सव्वत्थोवा ओरालियवेउव्वियपरिसादणकदो। संघावण-परिसादणकदी असंखेज्जगुणा, देवाणं संखेज्जभागत्तादो। सव्वत्थोवा आहारपरिसादणकदी। संघादण-परिसादणकदी विसेसाहिया। सुगमं।
कायजोगीसु ओरालिय-वेउव्विय-आहारतिण्णिपदा ओघं। ओरालियकायजोगीसु सव्वत्थोवा ओरालियपरिसादणकदी। संघादण-परिसादणकदी अणंतगुणा। वेउम्वियतिण्णिपवाणं तिरिक्खमंगो। आहारम्मि पत्थि अप्पाबहुममेगपदत्तादो। ओरालियमिस्सकायजोगीसु सव्वत्थोवा ओरालियसंघादणकवी, अपज्जत्तएसु एगसमयसंचिवत्तादो। संघादण-परिसादणकदी असंखेज्जगुणा, संघादणजीववदिरित्तअसेसापज्जत्तजीवगहणादो।
वेउब्धिय-आहारकायजोगीसु णत्थि अप्पाबहुगं, एगपदत्तादो। वेउन्वियमिस्सकायजोगीसु सव्वत्थोवा वेउब्वियसंघावणकदी। [ संघादण ] परिसादणकदो असंखेज्जगुणा। सुगमं । आहारमिस्सकायजोगिसु सव्वत्थोवा आहारसंघावण कदी। संघावण-परिसादणकदी संखेज्जगुणा। सेसपदाणं णत्थि अप्पाबहुगं, एगत्तादो। कम्मइयकायजोगीसु गस्थि अप्पाबहुगं, एगपदत्तादो।
-षट् खण्ड ० ४ । १ सू ७१ । पु ९ । पृष्ठ० ४३३ । ४ पांच मनोयोगी और पांच वचनयोगियों में औदारिक और वैक्रियशरीर की परिशातनकृति युक्त जीव सबसे स्तोक है। इनसे उनकी संघातन-परिशातनकृति युक्त जीव असंख्यातगुणे हैं क्योंकि वे देवों के संख्यातवें भाग हैं।
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