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________________ ( ८९ ) कायप्पओगी य ७ अहवेगे य ओरालियमोसाशरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसाशरीरकायप्पओगिणो य कम्माशरीरकायप्पओगिणो य ८ एते अट्ठ भंगा, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य १ अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य २ अहबेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगणिो य कम्मासरीरकायप्पओगो य ३ अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ४ अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य ५ अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ६ अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसाररीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ७ अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ८ एवं एते तियसंजोएणं चत्तारि अट्टभंगा, सव्वे वि मिलिया बत्तीसं भंगा जाणियन्वा ३२ । -पण्ण० प १६ । सू १०८३ । पृष्ठ० २६५-६६ त्रिकसंयोग में औदारिकमिश्र, आहारक और आहारकमिश्र पद में एक वचन और बहुवचन के आठ भांगे होते हैं। औदारिकमिश्र, आहारक और कार्मण के आठ भांगे होते हैं, औदारिकमिश्र, आहारकमिश्र और कार्मण के आठ भांगे होते हैं, और आहारक, आहारकमित्र और कार्मण के आठ भांगे होते हैं। इस प्रकार सब मिलकर त्रिकसंयोगी बतीस भांगे होते हैं। __अस्तु १-अथवा एक औदारिकमिश्र-शरीर-काय प्रयोगवाला, एक आहारकशरीर काय प्रयोगवाला और एक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाला होता है । २-अथवा एक औदारिकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाला, एक आहारक शरीर काय प्रयोगवाला, कितनेक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाला होता है। ३-अथवा एक औदारिकमिश्रशरीर काय प्रयोगवाला, कितनेक आहारक शरीर काय प्रयोगवाले और एक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाला होता है। ४-अथवा एक औदारिकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाला, कितनेक आहारक शरीर काय प्रयोगवाले और कितनेक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। ५–अथवा कितनेक औदारिकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले, एक आहारकशरीर काय प्रयोगवाले और एक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। ६-अथवा कितनेक औदारिकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं, एक आहारक शरीर काय प्रयोगवाला और कितनेक आहारकमिश्र शरीर काय प्रयोगवाले होते हैं। ७-अथवा कितनेक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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